बांग्लादेश में 2024 में होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर सत्तारूढ़ दल अवामी लीग ने शनिवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक बार फिर पार्टी प्रमुख चुना है। वह लगातार 10वीं बार पार्टी अध्यक्ष चुनी गई हैं, जबकि ओबैदुल कादिर को महासचिव चुना गया है। यह पार्टी 73 साल पुरानी है और इसने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में देश के मुक्ति संग्राम को आगे बढ़ाया था। पार्टी ने बंद कमरे में अपने शीर्ष नेतृत्व के रूप में हसीना को फिर से चुना। मध्य ढाका में एक सभागार में आयोजित अवामी लीग के 22वें राष्ट्रीय परिषद (नेशनल काउंसिल) में देशभर के करीब 7,000 पार्षद शामिल हुए।
इसके पहले पास के सुहरावर्दी उद्यान में एक खुली रैली का आयोजन किया गया था। पार्टी के संविधान के तहत नया नेतृत्व पार्टी का अगले तीन साल तक मार्गदर्शन करेगा। हसीना (75) इस उदार पार्टी की वर्ष 1981 से अध्यक्ष हैं, जब वह भारत से बांग्लादेश लौटी थीं। हसीना 1975 में अपने स्वनिर्वासन के बाद से भारत में रह रही थीं। बांग्लादेश के संस्थापक और हसीना के पिता बंगबहादुर शेख मुजिबुर्रहमान की उनके ज्यादातर परिवार के सदस्यों के साथ 15 अगस्त,1975 में हत्या कर दी गई थी।
आजादी के बाद उनकी अवामी लीग नीत सरकार को उस दिन गिरा दिया गया था, जब हसीना और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना संक्षिप्त दौरे पर जर्मनी में थीं। इसके बाद दोनों बहनों ने भारत में शरण लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अवामी लीग के वरिष्ठ नेता आमिर हुसैन अमू ने शनिवार को परिषद सत्र में हसीना के नाम का प्रस्ताव पार्टी अध्यक्ष पद के लिए किया, जिसका एक अन्य पार्षद ने अनुमोदन किया। अवामी लीग के नेता सधान चंद्र मजुमदार ने महासचिव पद के लिए ओबैदुल कादिर के नाम का प्रस्ताव किया और इस निर्णय को मंजूरी दे दी गई। इससे पहले, दिन में हसीना ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और कबूतर-गुब्बारे उड़ाकर परिषद का उद्घाटन किया। पार्टी नेतृत्व के निर्वाचन के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। अवामी लीग के पहले अध्यक्ष मौलाना अब्दुल हामिद भशानी थे और इसके बाद आठ अन्य लोग पार्टी प्रमुख बने थे, जिनमें बंगबंधु का नाम भी शामिल है।
In bangladesh pm sheikh hasina became president of awami league for the 10th consecutive time
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero