छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों ने बृहस्पतिवार को नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन अपना पर्चा दाखिल किया। इस सीट के लिए पांच दिसंबर को मतदान होगा। नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। विधानसभा उपाध्यक्ष और इस सीट से विधायक मनोज सिंह मंडावी के निधन के बाद से यह सीट रिक्त है। कांग्रेस ने इस सीट पर मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को चुनाव मैदान में उतारा है।
सावित्री मंडावी ने बृहस्पतिवार को अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बघेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भानुप्रतापपुर के लोगों ने सावित्री मंडावी जी को रिकॉर्ड मतों से जिताने का संकल्प लिया है। भाजपा की लगातार सभी उपचुनाव में हार हुई है। इस उपचुनाव में भी उनकी हार होगी।’’ नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन भाजपा के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम ने भी नामांकन दाखिल किया। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और अन्य नेता मौजूद थे।
रमन सिंह ने कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘चार वर्ष में यह सरकार असफल रही है। भानुप्रतापपुर चुनाव से राज्य में संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार और अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकते। अब परिवर्तन होगा। हमारा प्रत्याशी प्रचंड मतों से यह चुनाव जीत रहा है।’’ राज्य निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी तथा उम्मीदवार 21 नवंबर तक अपना नाम वापस ले सकेंगे।
इस सीट के लिए पांच दिसंबर को मतदान होगा और आठ दिसंबर को मतगणना होगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और सत्ताधारी दल कांग्रेस से भानुप्रतापपुर क्षेत्र के विधायक मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 58 वर्ष के थे। मंडावी पहली बार 1998 में अविभाजित मध्य प्रदेश में इस सीट के लिए विधायक चुने गए थे। मंडावी क्षेत्र के कद्दावर आदिवासी नेता माने जाते थे।
वह वर्ष 2013 और 2018 के चुनाव में भी भानुप्रतापपुर क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। मंडावी ने 2000 और 2003 के बीच राज्य में अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान गृह और जेल राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। राज्य में वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद चार उप चुनाव हुए और सभी में कांग्रेस की जीत हुई है। राज्य विधानसभा की 90 सीट में से वर्तमान में कांग्रेस के 70, भाजपा के 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीन तथा बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक हैं। वहीं, एक सीट रिक्त है।
In bhanupratappur by election in chhattisgarh congress and bjp candidates filed nominations
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero