National

मप्र : विधानसभा में चौहान सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

मप्र : विधानसभा में चौहान सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

मप्र : विधानसभा में चौहान सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के खिलाफ राज्य विधानसभा में लाया गया विपक्षी कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव बृहस्पतिवार को ध्वनि मत से गिर गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार अपने ‘‘पांच महापापों’’ के कारण गिर गई थी। अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

कांग्रेस ने कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, विपक्षी विधायकों के साथ भेदभाव, महिलाओं और आदिवासियों पर अत्याचार, किसानों की समस्याओं और अन्य मुद्दों पर बुधवार को चौहान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और इस पर चर्चा के दौरान सत्तारुढ़ दल पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि कमलनाथ सरकार (मार्च 2020) में अपने ‘‘पांच महा पापों’’ के कारण गिर गई जिसमें तबादलों में भारी भ्रष्टाचार भी शामिल था।

अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह बृहस्पतिवार को सदन में उपस्थित नहीं थे क्योंकि उनकी मां अस्वस्थ हैं। कमलनाथ भी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दोनों दिन अनुपस्थित रहे। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरु हुई कांग्रेस ने भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा और मंत्री मोहन यादव से भगवान राम और देवी सीता पर की गई टिप्पणी के लिए माफी की मांग की, जिसके बाद हंगामा हो गया। विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री चौहान को अविश्वास प्रस्ताव पर तब तक जवाब नहीं देने दिया जब तक कि उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली।

विधायी मामलों के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाद में कहा, ‘‘ भगवान राम और देवी सीता हमारे साथ साथ अन्य के भी हैं। अगर सदन के किसी सदस्य को टिप्पणी से ठेस पहुंची है तो मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं।’’ चौहान ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देना शुरु किया, इससे पहले बुधवार को इस पर 12 घंटे की लंबी चर्चा हुई जो कि रात को 12.35 मिनट तक चलती रही।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस की नाथ सरकार ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के तबादलों- पोस्टिंग में भ्रष्टाचार सहित पांच महा पाप किए जिसके कारण वह गिर गई। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग के लिए पैसे लिए गए, दतिया में कार्यकाल के दौरान तीन बार कलेक्टर बदले गए।’’ उन्होंने दावा किया कि 165 दिनों की अवधि में 450 से अधिक आईएएस और आईपीएस का तबादला किया गया और अन्य अधिकारियों के 15 हजार से अधिक तबादले कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए जिससे मंत्रालय को ‘भ्रष्टाचार का अड्डा’ बना दिया।

चौहान ने यह भी दावा किया कि कमलनाथ जब सरकार चला रहे थे तब उनके पास अपने विधायकों के लिए समय नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘ उस सरकार द्वारा एक और महा पाप सिंचाई क्षेत्र में किया गया जब एक ठेकेदार विशेष के पक्ष में नियमों में ढील देकर 877.57 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तत्कालीन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरु की गयी कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया जिसमें बैगा, सहरिया और भारिया जनजाति के लोगों को एक हजार रुपये का भुगतान शामिल है।

इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करते हुए सबूत मांगे तो चौहान ने कहा कि उनके पास सारे सबूत हैं और वह पूरी जिम्मेदारी के साथ सदन में बोल रहे हैं। भाजपा सरकार की एक ओर योजना संबल योजना को भी नाथ सरकार ने बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि नाथ सरकार ने 75 लाख गरीब लाभार्थियों के नाम भी हटा दिए। चौहान ने कहा कि इसके अलावा नाथ सरकार ने मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण भी बंद कर दिया। उन्होंने पूछा, ‘‘उनकी क्या गलती थी।’’

हालांकि, कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इस पर आपत्ति जताई और यह दिखाने की मांग की कि क्या इस आशय का कोई आदेश सरकार के पास मौजूद है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 50 प्रतिशत अंशदान का योगदान न देकर प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना को भी बंद कर दिया तथा राज्य सरकार के 40 फीसदी भुगतान नहीं करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में दो लाख मकानों के निर्माण के प्रावधान को सरेंडर कर दिया।

कमलनाथ सरकार को भाजपा ने गिराया संबंधी कांग्रेस के आरोप पर चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार इसलिए गिर गयी क्योंकि इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया (जो मार्च 2020 में भाजपा में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री बने) का अपमान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए विधायक बाद में उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर भारी मतों से जीते, जिनमें वर्तमान सरकार के मंत्री भी शामिल हैं। चौहान ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासी इलाकों के विकास को सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रदेश में पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र (पेसा) अधिनियम को लागू किया।

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए उपायों पर भी प्रकाश डाला। कांग्रेस सरकार की किसान ऋण माफी योजना पर बोलते हुए चौहान ने कहा कि राहुल गांधी ने वादा किया था कि प्रदेश में उनकी सरकार बनने के दस दिन के अंदर कृषि ऋण माफ कर दिया जाएगा लेकिन ‘‘हर कोई जानता है कि उस योजना का क्या हुआ।’’ कांग्रेस सदस्यों ने चौहान के इस आरोप का खंडन किया।

चौहान ने कहा कि अगर सरकार ईमानदारी से यह योजना लागू करती तो 53 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी हो सकती थी लेकिन वास्तव में कई शर्तो के कारण 11 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ करने का प्रस्ताव संशोधित किया गया और केवल सात हजार करोड रुपये माफ किए गए जिससे बड़ी संख्या में किसान बकायादार बन गए। कांग्रेस के तरुण भनोट ने कहा कि चौहान सरकार ने आखिरकार स्वीकार कर लिया कि कमलनाथ सरकार ने सात हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया।

इस पर चौहान ने इसे किसानों के लिए ‘‘लॉलीपॉप’’ करार दिया और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार इस योजना के कारण बने बकाएदार किसानों का ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा राजकोषीय अनुशासन बनाए रखा है और राज्य में अधोसंरचना के विकास के लिए नियमानुसार कर्ज लिया है। अविश्वास प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री के जवाब के बाद ध्वनि मत से इसे खारिज कर दिया गया और अध्यक्ष ने सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। प्रस्ताव पर चर्चा में कई बार तीखी नोंकझोंक देखने को मिली।

प्रस्ताव पर चर्चा बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई, जो 12 घंटे से अधिक समय तक बिना रुके बुधवार मध्यरात्रि के बाद 12 बजकर 35 मिनट तक चर्चा चली और अंत में बुधवार रात को कांग्रेस विधायकों ने बहिर्गमन किया। इस पर दोनों पक्षों के कुल 45 सदस्यों में विपक्षी खेमे के 31 और सत्ता पक्ष के आठ मंत्रियों सहित 14 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ था और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह 23 दिसंबर को समाप्त होने वाला था।

In mp congresss no confidence motion against the chauhan government in the assembly dropped

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero