Bilawal Bhutto के बयान को भारत ने बताया ‘असभ्य’, MEA ने कहा- 1971 में इस दिन को भूल गए हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बयान पर बवाल मचा हुआ है। इन सबके बीच बिलावल भुट्टो के बयान पर विदेश मंत्रालय ने अब पाकिस्तान को आईना दिखा दिया है। भारत ने साफ तौर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बयान को 'असभ्य' बताया है। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि लगता है पाकिस्तान के विदेश मंत्री स्पष्ट रूप से 1971 में इस दिन को भूल गए हैं, जो जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों द्वारा किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था। साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये टिप्पणियां पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को एक शहीद के रूप में महिमामंडित करता है, और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को शरण देता है। भारत ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि कोई अन्य देश 126 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी और 27 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी संस्थाओं का दावा नहीं कर सकता। इसके साथ ही भारत ने कहा कि हम चाहते हैं कि पाक विदेश मंत्री ने यूएनएससी में मुंबई की एक नर्स अंजलि कुलथे की गवाही को अधिक गंभीरता से सुना होता, जिसने पाक आतंकवादी अजमल कसाब की गोलियों से 20 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई थी। स्पष्ट रूप से, विदेश मंत्री पाक की भूमिका को सफेद करने में अधिक रुचि रखते थे।
भारत ने साफ तौर पर कहा है कि पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने या अछूत बने रहने की जरूरत है। दरअसल, बिलावल भुट्टो ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि मैं भारत को बताना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन तो मर चुका है लेकिन गुजरात का कसाई अभी जिंदा है जो भारत का प्रधानमंत्री हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिका ने उनकी एंट्री पर बैन लगा दिया था। बिलावल भुट्टो का यह बयान विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान के पलटवार के तौर पर आया है। विदेश मंत्री ने यूएनएससी में पाकिस्तान को आईना दिखाया था और उसके आतंकवाद प्रेम की पोल खोल कर रख दी थी।
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