भारत ने नकदी की तंगी से जूझ रहे श्रीलंका को समर्थन देने और वाहनों की गैर-उपलब्धता के चलते पुलिस की यातायात संबंधी गंभीर दिक्कतों को दूर करने के प्रयासों के तहत श्रीलंका पुलिस को 125 एसयूवी सौंपी है। अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत भारत ने पिछले 12 महीनों में श्रीलंका को बहु-आयामी सहायता प्रदान की है ताकि देश को 1948 में ग्रेट ब्रिटेन से आजादी के बाद के अपने सबसे खराब आर्थिक और मानवीय संकट से निपटने में मदद मिल सके।
भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक समारोह में श्रीलंका पुलिस के लिए श्रीलंका के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री तिरान एलेस को 125 एसयूवी सौंपे। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्विटर पर कहा कि 375 एसयूवी की अन्य खेप को मौजूदा ‘ऋण व्यवस्था’ के तहत कोलंबो भेजा जाएगा।
इसने ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंका को भारत का समर्थन जारी है। उच्चायुक्त ने श्रीलंका के माननीय सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री तिरान एलेस को औपचारिक रूप से श्रीलंका पुलिस के लिए आज 125 महिंद्रा एसयूवी सौंपी। मौजूद ऋण व्यवस्था के तहत कुल 500 अत्याधुनिक वाहनों में से शेष को जल्द भेजा जाएगा। इस संबंध में इस साल की शुरुआत में अनुंबध पर हस्ताक्षर किए गए थे।’’
एलेस ने कहा कि श्रीलंका पुलिस वाहनों की कमी के कारण गंभीर परिवहन साधन के संकट से गुजर रही है क्योंकि पिछले तीन साल से इसके वाहनों के बेड़े में नए वाहन नहीं जुड़ पाए हैं। भारत ने भोजन, दवाइयां, ईंधन और केरोसिन तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करके श्रीलंका की भोजन, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा को सुरक्षित रखने में सहायता के लिए लगभग चार अरब अमेरीकी डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान की है।
India hands over 125 mahindra suvs to sri lanka police
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