भारत ने शांतिरक्षकों के खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रति जवाबदेही बढ़ाने के लिए ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ पहल शुरू की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घोषणा की है कि नयी दिल्ली के पास जल्द एक ऐसा डेटाबेस होगा, जिस पर शांतिरक्षकों के खिलाफ होने वाले सभी अपराधों को दर्ज किया जाएगा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अपनी अध्यक्षता के दौरान बृहस्पतिवार को ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स टू प्रमोट अकाउंटेबिलिटी फॉर क्राइम्स अगेंस्ट पीसकीपर्स’ पहल शुरू की थी। भारत, बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरक्को और नेपाल इस समूह के सह-अध्यक्ष हैं।
‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ की शुरुआत के मौके पर दिए संबोधन में जयशंकर ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र का शांति अभियान आज पहले की तुलना में कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। शांति अभियान अब ज्यादा अस्पष्ट और जटिल वातावरण में भी चलाए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “आज के शांतिरक्षकों पर सिर्फ शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उन पर बेहद अशांत और अस्थिर क्षेत्रों में कड़ा अभियान चलाने का दारोमदार भी है। सशस्त्र समूहों, आतंकवादियों और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध गिरोहों की संलिप्तता ने शांतिरक्षकों के काम पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।”
जयशंकर ने कहा कि ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2589 के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में सदस्य देशों, खासकर पुलिस और सशस्त्र बल प्रदान करने वाले देशों की ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ का प्रतिनिधित्व करता है। यूएनएससी का प्रस्ताव 2589 पिछले साल अगस्त में भारत की अध्यक्षता में अपनाया गया था। इसमें वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों की मेजबानी करने वाले या अतीत में ऐसा कर चुके सदस्य देशों से आह्वान किया गया था कि वे संयुक्त राष्ट्र के कर्मियों की हत्या या अपहरण करने वालों और उनके खिलाफ हिंसा को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सभी उचित उपाय करें। प्रस्ताव में सदस्य देशों से ऐसे कृत्यों की जांच करने के लिए और इनके साजिशकर्ताओं के खिलाफ अपने राष्ट्रीय कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का भी आह्वान किया गया था।
India launches group of friends to enhance accountability for crimes against peacekeepers
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