COP27 : भारत ने शीर्ष-20 उत्सर्जकों पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयासों को किया बाधित, इन मुद्दों को उठाने की मांग
नयी दिल्ली। भारत ने मिस्र में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में ‘शमन कार्य कार्यक्रम’ (मिटिगेशन वर्क प्रोग्राम या एमडब्ल्यूपी) पर चर्चा के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड के शीर्ष 20 उत्सर्जकों पर ध्यान केंद्रित करने के विकसित देशों के प्रयास को अवरुद्ध कर दिया। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विकसित देश चाहते थे कि जलवायु वार्ता के पहले सप्ताह के दौरान भारत और चीन सहित सभी शीर्ष 20 उत्सर्जक देश सिर्फ जलवायु परिवर्तन के लिए ऐतिहासिक रूप से जिम्मेदार अमीर देशों के बारे में चर्चा न करें, बल्कि वे कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती के मुद्दे पर भी बात करें।
इन शीर्ष 20 उत्सर्जक देशों की सूची में भारत सहित कई विकासशील देश शामिल हैं, जिन्हें ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और भूटान सहित समान विचारधारा वाले विकासशील देशों के समर्थन से इस प्रयास को बाधित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, भारत और अन्य विकासशील देशों ने कहा कि एमडब्ल्यूपी को पेरिस समझौते को फिर से शुरू करने का नेतृत्व नहीं करना चाहिए’’, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि देशों की जलवायु प्रतिबद्धताओं को परिस्थितियों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित किया जाना है।
पिछले साल ग्लासगो में सीओपी26 में सभी पक्षों ने स्वीकार किया था कि 2030 तक वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कमी (2010 के स्तर की तुलना में) वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए जरूरी है।
इसलिए वे ‘‘शमन, महत्वाकांक्षा और कार्यान्वयन को तत्काल बढ़ाने’’ के लिए एक ‘शमन कार्य कार्यक्रम’ बनाने पर सहमत हुए। शमन का अर्थ है उत्सर्जन को कम करना, महत्वाकांक्षा का अर्थ है मजबूत लक्ष्य निर्धारित करना और कार्यान्वयन का अर्थ है नए और मौजूदा लक्ष्यों को पूरा करना। सीओपी27 में विकासशील देशों ने चिंता व्यक्त की कि एमडब्ल्यूपी के माध्यम से विकसित देश उन्हें वित्तीय और प्रौद्योगिकी संबंधी मदद बढ़ाए बिना अपने जलवायु लक्ष्यों को संशोधित करने के लिए कहेंगे। भारत ने सीओपी27 से पहले कहा था कि एमडब्ल्यूपी को पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित ‘‘लक्ष्यों को बदलने’’ की अनुमति नहीं दी जा सकती।
India obstructs efforts to focus on top 20 emitters