वैश्विक स्तर पर भारत के एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के बीच वर्ष 2022 में कॉरपोरेट जगत ने अधिग्रहण सौदों को लेकर मजबूती दिखाई। आलोच्य अवधि के दौरान भारतीय कंपनियों ने उद्योग में अपनी स्थिति में सुधार करने का प्रयास किया और सीमेंट, खुदरा, दवा क्षेत्र और वाणिज्य क्षेत्रों में तेजी से करोड़ों रुपये के मूल्य वाले अधिग्रहण सौदों को अंजाम दिया। हालांकि इस साल भारतीय उद्योग ने अपने दो दिग्गजों- टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर को खोया।
मिस्त्री का निधन एक सड़क दुर्घटना में जबकि किर्लोस्कर का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। वर्ष 2022 में सीमेंट उद्योग सुर्खियो में रहा। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी समूह ने सितंबर महीने में 6.4 अरब डॉलर में अंबुजा सीमेंट और एसीसी के अधिग्रहण का सौदा स्विस निर्माण सामग्री कंपनीहोल्सिम के साथ किया। इस अधिग्रहण के बाद सीमेंट क्षेत्र में अडाणी समूह, आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट के बाद दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन गई। अल्ट्राटेक सीमेंट ने अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखने के लिए लगभग 13,000 करोड़ रुपये की विस्तार योजना की घोषणा की थी।
दिसंबर में कर्ज में डूबे जेपी ग्रुप ने अपने सीमेंट कारोबार को 5,666 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड को बेच दिया। इसके साथ ही जेपी समूह सीमेंट खंड से बाहर हो गया। अरबपति मुकेश अंबानी की नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2,850 करोड़ रुपये में जर्मनी की मेट्रो एजी का अधिग्रहण किया। इसमें मेट्रो इंडिया के सभी 31 स्टोर के साथ उसका रियल एस्टेट पोर्टफोलियो भी शामिल था।
हालांकि फ्यूचर ग्रुप के खुदरा कारोबार के अधिग्रहण के लिए हुआ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा कानूनी विवादों में फंसने के बाद कारगर नहीं हो पाया। वर्ष की शुरुआत में रिलायंस रिटेल ने रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुओं (एफएमसीजी) क्षेत्र में प्रवेश की घोषणा की थी। इसने कुछ अन्य ब्रांडों के अलावा घरेलू शीतल पेय ब्रांड कैम्पा का भी अधिग्रहण किया। इसने अनाज, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, पेय पदार्थ एवं अन्य दैनिक उपभोग वाले उत्पादों के लिए खुद का ब्रांड भी पेश किया। आरआरवीएल अब आईटीसी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और अडाणी विल्मर के एफएमसीजी कारोबार से प्रतिस्पर्धा करेगी।
यह साल भारतीय खुदरा उद्योग की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल के लिए मुश्किलों से भरा रहा। बिग बाजार, ईजीडे क्लब जैसे ब्रांड के तहत लगभग 1,500 स्टोर और फैशन खुदरा विक्रेता एफबीबी और सेंट्रल का परिचालन करने वाली यह कंपनी बंद होने की कगार पर पहुंच गई। इसकी कई इकाइयों के कर्ज भुगतान में चूक करने से मामला दिवाला प्रक्रिया में चला गया। फ्यूचर रिटेल के पास अब 13 कंपनियां हैं। दिवाला कार्यवाही के जरिये इसे हासिल करने की होड़ में रिलायंस रिटेल और अडाणी समूह की इकाई फ्लेमिंगो भी शामिल है। दवा क्षेत्र में इस साल का बड़ा सौदा सुवेन फार्मास्युटिकल्स की 50.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री का रहा।
यह हिस्सेदारी 6,313.08 करोड़ रुपये में वैश्विक निजी इक्विटी निवेशक एडवेंट इंटरनेशनल को बेचने का ऐलान किया गया। सितंबर में टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स ने त्वचा विज्ञान खंड में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये में सिकोया-समर्थित क्यूरेशो हेल्थकेयर का अधिग्रहण करने के लिए एक समझौता किया था। वहीं खाद्य उत्पादों की ऑनलाइन डिलिवरी सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी जोमैटो ने 4,447.48 करोड़ रुपये में ब्लिंकइट (पूर्व में ग्रॉफर्स) के अधिग्रहण की घोषणा की थी।
दूसरी तरफ, टाटा समूह ने अपने सभी ब्रांडों को एक मंच पर लाते हुए अपना सुपर ऐप टाटा न्यू पेश किया। इस ऐप के जरिये समूह अमेजन और फ्लिपकार्ट के प्रभुत्व वाले घरेलू ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाना चाहता है। इसी तरह, देश की प्रमुख मल्टीप्लेक्स श्रृंखला पीवीआर ने अपनी प्रतिद्वंद्वी आइनॉक्स लेजर के खुद में विलय की घोषणा की। इस तरह देश भर में लगभग 1,500 स्क्रीन संचालित करने वाली कंपनी तैयार हुई। अडाणी समूह के हाथों एनडीटीवी का अधिग्रहण भी इस साल की एक अहम घटना रही।
अडाणी समूह ने इस मीडिया कंपनी के संस्थापक प्रणव रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय द्वारा समर्थित एक कंपनी को खरीदकर एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी ले ली। उसके बाद खुली पेशकश के जरिये 8.26 प्रतिशत और ले ली। साल के अंतिम कारोबारी दिन रॉय दंपती ने अपनी 27.26 प्रतिशत हिस्सेदारी भी अडाणी समूह को बेच दी।
इस साल मीडिया दिग्गज सुभाष चंद्रा के नेतृत्व वाले प्रवर्तक परिवार के सदस्यजवाहर गोयल को भी डिश टीवी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा। यस बैंक की अगुवाई में शेयरधारकों ने प्रबंध निदेशक के पद पर गोयल के नाम पर मुहर नहीं लगाई। साल के अंतिम सप्ताह में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को एक कर्ज धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। इसी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार किया गया है।
Indian companies showed speed in acquisition emphasis on cement retail medicine
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