दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के एक भारतीय छात्र और पुरस्कार विजेता पर्यावरणविद ने ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में लोगों को ‘प्लॉगिंग’ की प्रवृत्ति के लिए प्रेरित किया है, जिसमें ‘जॉगिंग’ के साथ-साथ कूड़ा बीनने का कार्य भी किया जाता है। मूल रूप से पुणे के रहने वाले विवेक गुरव स्वीडिश अवधारणा ‘‘प्लॉगिंग’’ से प्रेरित हैं - जो ‘‘जोग्गा’’ (जॉगिंग) को ‘‘प्लोका अप’’ (एक वस्तु उठाना) के साथ जोड़ता है। यह उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है जो अपनी स्थानीय सड़कों को साफ रखने में गर्व महसूस करते हैं।
भारत में उन्होंने 2018 में ‘‘पुणे प्लॉगर्स’’ के रूप में जाना जाने वाला एक ‘‘प्लॉगिंग समुदाय’’ बनाया, जिसमें 10,000 से अधिक सदस्य हैं, जिन्होंने 10 लाख किलोग्राम से अधिक कचरा एकत्र किया। वह पिछले साल सितंबर में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय में अपनी छात्रवृत्ति के दौरान भी इसे जारी रखना चाहते थे। उनके विश्वविद्यालय ने कहा कि उन्होंने 180 देशों के स्वयंसेवकों की मदद से 120 प्लॉगिंग ‘‘मिशन’’ पर 420 मील की दूरी तय की और अब यह अभियान ब्रिटेन के 30 शहरों में आगे बढ़ रहा है। गुरव ने कहा, ‘‘मैं केवल ब्रिस्टल में प्लॉगिंग कर रहा हूं, लेकिन मैनचेस्टर, लीड्स, डर्बी में भी लोग मुझे प्लॉगिंग करने के लिए कह रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैंने ब्रिटेन के 30 शहरों में प्लॉगिंग करने का फैसला किया। मैं पूरे ब्रिटेन में एक प्लॉगिंग समुदाय बनाना चाहता हूं जैसे मैंने भारत में किया था। इसलिए अगर मैं पूरे ब्रिटेन में प्लॉगिंग कर सकता हूं, लोगों को इसके लिए प्रेरित कर सकता हूं, उन्हें एक खाका दे सकता हूं, तो वे अपने स्वयं के समूह शुरू कर सकते हैं।’’ पूर्व ऐप डेवलपर को उम्मीद है कि जब वह सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से प्रत्येक शहर का दौरा करेंगे तो साथी प्लॉगर, पर्यावरणविद् और उत्सुक धावक उनके साथ जुड़ेंगे।
डर्बी, नॉटिंघम, लीड्स, शेफील्ड, मैनचेस्टर, लिवरपूल, लीसेस्टर, बर्मिंघम और वॉर्सेस्टर में उनकी प्लॉगिंग की सोशल मीडिया पर चर्चा की जा रही। इस साल की शुरुआत में, उनके प्रयासों ने उन्हें ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कार्यालय सह आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट से पॉइंट्स ऑफ लाइट अवार्ड दिलाया।
गुरव ने कहा, ‘‘पुरस्कार एक आश्चर्य के रूप में आया। मेरा मानना है कि यह पुरस्कार जलवायु कार्रवाई के कारण को बढ़ाता है जिसे मैं कूड़ा बीनने के माध्यम से बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर व्यक्ति मायने रखता है, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करनेमें हर कार्रवाई मायने रखती है और यह पुरस्कार भारत के साथ-साथ ब्रिटेन में रहने वाले प्लॉगर्स के मेरे पूरे समुदाय के इस विश्वास को मजबूत करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि यह पुरस्कार वास्तव में हमारे उद्देश्य का समर्थन और विस्तार करेगा। जब मैंने अपने माता-पिता को (पुरस्कार के बारे में) बताया तो उन्हें यकीन नहीं हुआ, उन्हें लगा कि मैं उनसे झूठ बोल रहा हूं। वे वास्तव में खुश हैं और मेरे पिता ने कहा कि उन्हें मुझ पर बहुत गर्व है।’’ ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति और अध्यक्ष प्रोफेसर जूडिथ स्क्वायर्स ने कहा कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए छात्रों का अभियान प्रेरणा देने से कम नहीं है।
Indian student leading plogging mission to clean uk streets
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero