प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत का अतीत एवं वर्तमान आदिवासी समाज के बिना अधूरा है और देश इस समाज के बलिदानों का ऋणी है। मोदी ने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार मानगढ़ धाम के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र को खाका तैयार कर इस दिशा में मिलकर काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का अतीत, भारत का इतिहास, भारत का वर्तमान एवं भारत का भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आदिवासी समाज के बलिदानों के ऋणी हैं। हम उनके योगदान के ऋणी हैं। इस समाज ने संस्कृति से लेकर परंपराओं तक भारत के चरित्र को सहेजा एवं संजोया है और अब समय आ गया है कि देश इस ऋण के लिए, इस योगदान के लिए आदिवासी समाज की सेवा कर उन्हें धन्यवाद दे।’’ उन्होंने मानगढ़ धाम के दौरे को सुखद बताते हुए कहा, ‘‘मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या एवं देशभक्ति का प्रतिबिंब है। यह राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लोगों की साझी विरासत है।’’ मोदी ने आदिवासी नेता गोविंद गुरु को याद करते हुए कहा कि उनके जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और भारत के आदर्शों के प्रतिनिधि थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वह (गोविंद गुरु) किसी रियासत के राजा नहीं थे, लेकिन फिर भी लाखों आदिवासियों के नायक थे।’’
मोदी ने मानगढ़ धाम के विकास की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, ‘‘मानगढ़ धाम का भव्य विस्तार हम सभी की प्रबल इच्छा है। इसके लिए राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। मेरा चारों राज्य सरकारों से आग्रह है कि वे इस दिशा में विस्तृत चर्चा करें। एक खाका तैयार करें ताकि गोविंद गुरु का स्मृति स्थल पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए।’’ उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम का विकास इस क्षेत्र को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्थल बनाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इन चार राज्यों और भारत सरकार को इसे (धाम को) नई ऊंचाई पर ले जाना है। भारत सरकार इस दिशा में काम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्रीय स्मारक कहा जा सकता है या इसे कोई अन्य नाम भी दिया जा सकता है। मोदी ने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का जिक्र अपने संबोधन में नहीं किया, लेकिन इससे पहले प्रेस सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानगढ़ धाम, राजस्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 1913 में राजस्थान के मानगढ़ में ब्रिटिश सेना की गोलीबारी में जान गंवाने वाले आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी। बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम के दौरे में मोदी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेता भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ मंच साझा किया।
मानगढ़ की पहाड़ी, भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया। गोविंद गुरु के नेतृत्व में 17 नवंबर 1913 को 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चला दी थीं, जिसमें लगभग 1,500 आदिवासियों की जान चली गई थी।
Indias past present is incomplete without tribal society country is indebted to them modi
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero