विभिन्न विलय और अधिग्रहण सौदों के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी के इंतजार के बीच उद्योग के लोगों ने प्रतिस्पर्धा नियामक में ‘कोरम’ की कमी के मुद्दे को उठाया है। उद्योग प्रतिभागियों ने इस मुद्दे को जल्द हल करने की मांग की है। गौरतलब है कि सीसीआई में दो माह से अधिक समय से चेयरमैन नहीं हैं। एक निश्चित सीमा से अधिक मूल्य के विलय और अधिग्रहण सौदों के लिए सीसीआई की मंजूरी जरूरी है। प्रतिस्पर्धा कानून, 2022 की धारा पांच और छह के तहत इन सौदों का नियमन किया जाता है।
विलय सौदों की मंजूरी के लिए नियामक के पास तीन सदस्यों का कोरम होना जरूरी है। हालांकि, 25 अक्टूबर 2022 को इसके चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता की सेवानिवृत्ति के बाद केवल दो सदस्य बचे हैं, जिसके चलते सीसीआई में कोरम की कमी है। उद्योग जगत के विभिन्न पक्षों ने नए चेयरमैन की नियुक्ति तक मौजूदा हालात को दूर करने की मांग की है, ताकि कोरम की कमी के कारण विलय सौदों को मंजूरी देने में देरी न हो। इन चिंताओं को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सामने रखा गया है, जो सीसीआई के लिए प्रशासनिक मंत्रालय है।
अग्रणी विधि फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास की भागीदार (प्रमुख- प्रतिस्पर्धा कानून) अवंतिका कक्कड़ ने सीसीआई में कोरम की कमी के मुद्दे पर मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कुल 15 मामले सीसीआई की समीक्षा के लिए लंबित हैं, जिसमें दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता के तहत कई वैश्विक लेनदेन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह देरी कई हितधारकों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है।
Industry leaders raise issue of lack of quorum in cci amid pendency of cases
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