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FIFA World Cup 2022 में आज मेसी-एमबापे के बीच देखने को मिलेगी रोचक जंग, France तोड़ सकता है 60 सालों का रिकॉर्ड

FIFA World Cup 2022 में आज मेसी-एमबापे के बीच देखने को मिलेगी रोचक जंग, France तोड़ सकता है 60 सालों का रिकॉर्ड

FIFA World Cup 2022 में आज मेसी-एमबापे के बीच देखने को मिलेगी रोचक जंग, France तोड़ सकता है 60 सालों का रिकॉर्ड

फीफा विश्व कप 2022 आज अपने अंजाम पर पहुंच गया है। रविवार 18 दिसंबर को 80,000 दर्शकों की क्षमता वाले लुसैल स्टेडियम में फीफा विश्व कप का फाइनल मुकाबला अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला जाएगा। इस मुकाबले के साथ लियोनेल मेसी के बारे में भी तय हो जाएगा कि वो पेले और डिएगो माराडोना की फेहरिस्त में शामिल हो सकेंगे या नहीं।
 
अर्जेंटीना के 35 वर्षीय लियोनेल मेसी का मुकाबला फ्रांस के 23 वर्षीय स्टार फुटबॉलर किलियान एमबापे से होना है। इस मुकाबले में अगर अर्जेंटीना की टीम ने जीत हासिल की तो लियोनेल मेसी के करियर पर चार चांद लग जाएंगे। मगर गत चैम्पियन फ्रांस के साथ ये मुकाबला बेहद कड़ा होने वाला है। एमबापे फुटबॉल के महान खिलाड़ियों के तौर पर मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर बढ़त बनाने के लिये बहुत अच्छी स्थिति में हैं। वहीं एमबापे चाहेंगे कि इस मैच को जीतकर इतिहास रचा जाए। अगर फ्रांस आज का मुकाबला जीतने में सफल होता है तो वो 60 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ देगा अब वह 60 सालों में लगातार दूसरी बार चैंपियन बनने वाली पहली टीम बन सकती है। फ्रांस की टीम की कोशिश होगी की बरसों पुराने इतिहास को तोड़कर नया इतिहास रचा जाए।
 
इस मुकाबले को जीतने के लिए दोनों टीमों की खास जरुरत है। ऐसे में लियोनेल मेसी और एमबापे के बीच में काफी हीटिंग मुकाबला देखने को मिल सकता है, जो फुटबॉल फैंस के लिए काफी रोचक होने वाला है। इसी मुकाबले के बाद ये भी साफ हो जाएगा कि कौन सा खिलाड़ी ‘गोल्डन बूट’ हासिल करने में सफल होता है।
 
एमबापे जब 19 वर्ष थे तो उन्होंने फ्रांस को 2018 में दूसरा विश्व कप खिताब दिलाया था और 1958 में 17 वर्षीय पेले के बाद फाइनल में गोल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे। पेले ब्राजील की 1962 विश्व कप जीत में चोट के कारण नॉकआउट चरण में नहीं खेले थे लेकिन एमबापे इस टूर्नामेंट में शुरू से ही फ्रांस के लिये अहम खिलाड़ी बने रहे। बल्कि वह पांच गोल करके मेस्सी के साथ सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी की बराबरी पर हैं।
 
वहीं दूसरी ओर फ्रांस की टीम खड़ी है जो ब्राजील (1962 में) के बाद लगातार विश्व कप ट्राफी जीतने वाली पहली टीम बनने की कोशिश में जुटी है। माइकल प्लातिनी, जिनेदिन जिदान, थिएरी ऑनरी और अब एमबापे जैसे खिलाड़ी देने वाली टीम पिछले सात विश्व कप में चौथी बार फाइनल में पहुंची है जो किसी अन्य टीम से कहीं ज्यादा है। कोच डिडिएर डेसचैम्पस 1998 में बतौर खिलाड़ी विश्व कप विजेता रहे थे और अब बतौर कोच टीम को लगातार दूसरी बार खिताब दिलाने की मुहिम में जुटे हैं।
 
विटोरियो पोज्जो एकमात्र अन्य कोच थे जिन्होंने लगातार दो बार चैम्पियन बनी इटली को 1934 और 1938 में खिताब दिलाये थे। फ्रांस की तरह अर्जेंटीना भी (1978 और 1986 के बाद) तीसरा विश्व कप खिताब जीतने की कोशिश में जुटी है ताकि वह सर्वकालिक सूची में चौथे स्थान पर पहुंच जाये। अगर ऐसा होगा तो माराडोना के मेक्सिको में 1986 प्रदर्शन के बाद टीम का 36 साल का इंतजार खत्म हो जायेगा। उस जीत ने माराडोना को अर्जेंटीना में हमेशा के लिये ‘हीरो’ और फुटबॉल की दुनिया का ‘आइकॉन’ बना दिया था।
 
मेस्सी अब उस स्तर की बराबरी पर दिखते हैं, रविवार को अपने रिकॉर्ड 26वें विश्व कप मैच में भले ही वह जीते या हारें। मेस्सी ने जिस तरह से अर्जेंटीना को फाइनल में पहुंचाया, उससे उनकी तुलना माराडोना से की जा रही है। मेस्सी ने पांच गोल करने के अलावा तीन गोल करने में मदद कर अपनी टीम के प्रशंसकों को रोमांचित कर दिया जो कतर में पूरे विश्व कप के दौरान मैचों में बहुतायत में नजर आये। जिसे देखते हुए ऐसा लगता है कि यह मैच अर्जेंटीना के लिये घरेलू मैच की तरह होगा लेकिन फ्रांस के समर्थकों की संख्या भी कम नहीं होगी।
पर विजेता चुनना मुश्किल है। फ्रांस की टीम में अपार अनुभव है और अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखाने के बावजूद जीत दर्ज करने की काबिलियत है। डेसचैम्पस ने टूर्नामेंट से पहले पॉल पोग्बा, एनगोलो कांटे, प्रेसेनल किम्पेम्बे और करीब बेंजेमा जैसे अहम खिलाड़ियों के बाहर होने के बावजूद फ्रांस के प्रदर्शन का स्तर ऊंचा बनाये रखा। फ्रांस का डिफेंस काफी अच्छा है। टीम मेस्सी को दूर रखने के लिये प्रयास करेगी तो अर्जेंटीना एमबापे पर लगाम कसे रखना चाहेगी।
 
अर्जेंटीना के कोच लियोनल स्कालोनी के सेमीफाइनल में क्रोएशिया के खिलाफ मिली 3-0 की जीत वाली सेंट्रल मिडफील्डर की चौकड़ी को चुनने की संभावना है। वे हर तरफ से मेस्सी को गेंद देना चाहेंगे ताकि वो अपना जादू दिखा सके। या फिर जूलियन अल्वारेज को जिसने टूर्नामेंट में सऊदी अरब से मिली अविश्वसनीय 1-2 की हार के लिये ‘बैकअप’ की तरह शुरूआत की और वह चार गोल करके अपना नाम शुरूआती एकादश में पक्का कर चुका है। आठ साल पहले मेस्सी 2014 के फाइनल में जर्मनी से मिली 0-1 की हार के बाद टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ‘गोल्डन बूट’ पुरस्कार जीता था। इस बार वह निश्चित रूप से इसके बजाय 18 कैरट के सोने से बनी ट्राफी उठाना चाहेंगे ताकि वह अपने करियर का समापन इस तरह करें जैसा किसी और ने नहीं किया हो।

Interesting battle to be seen between messi mbappe in fifa world cup 2022

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