National

S Jaishankar को सलाह देकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नेहरू की China Policy पर ही उठा दिये सवाल!

S Jaishankar को सलाह देकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नेहरू की China Policy पर ही उठा दिये सवाल!

S Jaishankar को सलाह देकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नेहरू की China Policy पर ही उठा दिये सवाल!

विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर हैं और वहां वह चीन और पाकिस्तान को लेकर अपने संबोधनों में तो निशाना साध ही रहे हैं साथ ही विभिन्न देशों के नेताओं के साथ हो रही द्विपक्षीय मुलाकातों के दौरान भी आतंकवाद के प्रति चीन और पाकिस्तान के दोहरे रवैये को लेकर चर्चा कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर ही हमला बोल दिया है और आरोप लगाया है कि वह पूर्व रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन की तरह गलती कर रहे हैं। मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर को शायद भारतीय इतिहास और कूटनीति के कुछ अध्यायों पर दोबारा गौर करना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि दुर्भाग्य से जयशंकर वही गलती कर रहे हैं जो पूर्व रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन ने की थी। मनीष तिवारी ने कहा कि जब खतरा चीन से है तो वह पाकिस्तान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मनीष तिवारी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। कुछ यूजरों ने लिखा है कि मनीष तिवारी ने एक तरह से चीन के प्रति नेहरू सरकार की गलत नीति को स्वीकार कर लिया है। कुछ ने यह भी लिखा है कि मनीष तिवारी भूल गये हैं कि चीन में भारत के राजदूत रह चुके जयशंकर शुरू से ही चीन को घेरने में कामयाब रहे हैं।

जहां तक जयशंकर के पाकिस्तान पर हालिया हमलों की बात है तो मनीष तिवारी को यह पता होना चाहिए कि हमारे विदेश मंत्री पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाने, पाकिस्तान की ओर से भारत पर आतंकवाद फैलाने के आरोप लगाने का जवाब दे रहे थे। इस दौरान जयशंकर ने जिस तरह पहले कश्मीर मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और उसके बाद भारत पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाने वाली पाकिस्तानी विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार को जवाब दिया वह काबिलेतारीफ था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के ‘‘केंद्र’’ के रूप में देखती है और पाकिस्तान को अपनी हरकतों में सुधार कर एक अच्छा पड़ोसी बनने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के बयान को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान से कहा था कि जो लोग अपने आंगन में सांप पालते हैं, वह एक दिन उसे ही काट खाता है।

इसे भी पढ़ें: जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस के साथ भारत की जी-20 अध्यक्षता पर चर्चा की

जयशंकर पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार के हालिया आरोप पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। दरअसल हिना रब्बानी खार ने आरोप लगाया था कि ‘‘आतंकवाद का इस्तेमाल भारत से बेहतर अन्य किसी देश ने नहीं किया है।’’ जयशंकर ने कहा, ''खार ने जो कहा है, मैंने उससे जुड़ी खबरें देखी हैं। जहां तक मुझे याद है, करीब एक दशक से भी पहले जब हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। हिना रब्बानी तब मंत्री थीं। उनके साथ खड़े होकर हिलेरी क्लिंटन ने कहा था कि यदि सांप आपके आंगन में है तो आप उससे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह केवल आपके पड़ोसी को ही काटेगा। अंतत: वह उसे आंगन में रखने वाले लोगों को भी काटेगा, लेकिन जैसा कि आपको पता है पाकिस्तान अच्छी सलाह जल्दी से नहीं मानता। आपको पता ही है कि वहां क्या हो रहा है।’’ हम आपको याद दिला दें कि हिलेरी क्लिंटन ने अक्टूबर 2011 में अपनी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की थी।

जयशंकर ने कहा, ''... दुनिया आज उन्हें (पाकिस्तान को) आतंकवाद के केंद्र की तरह देखती है। मुझे पता है कि हम ढाई साल से कोविड-19 (वैश्विक महामारी) से जूझ रहे हैं और इस कारण यादें थोड़ी धुंधली हो गई हैं, लेकिन मैं आपको आश्वासन दिलाता हूं कि दुनिया यह नहीं भूली है कि आतंकवाद शुरू कहां से होता है और क्षेत्र में तथा क्षेत्र के बाहर तमाम गतिविधियों पर किसकी छाप नजर आती है।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की गलतफहमी में जीने से पहले उन्हें खुद को यह बात याद दिलानी चाहिए।

बहरहाल, मनीष तिवारी ने जो ट्वीट किया वह जल्दबाजी में किया गया लगता है। क्योंकि चीन से जुड़े मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्री का बयान आ चुका है। गृह मंत्री भी इस मुद्दे पर मीडिया में बयान दे चुके हैं। सरकार चीन से निबटने की क्या कोशिशें कर रही है जरूरी नहीं कि वह सब जानकारी सार्वजनिक की जाये। मनीष तिवारी खुद केंद्र में मंत्री रहे हैं और सरकार के कामकाज की प्रणाली को समझते हैं इसलिए उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए था।

Jaishankar making same mistake as krishna menon did in 1960s says manish tewari

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero