जापान की संसद ने धार्मिक और अन्य समूहों द्वारा दुर्भावनापूर्ण दान अनुरोधों को प्रतिबंधित करने के लिए शनिवार को एक कानून बनाया, जो मुख्य रूप से धार्मिक समूह ‘यूनिफिकेशन चर्च’ को लक्षित करता है। ‘यूनिफिकेशन चर्च’ की धन उगाहने की रणनीति और सत्तारूढ़ दल के साथ उसके मधुर संबंध के कारण काफी आलोचना हुई थी। जुलाई में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बाद जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ दक्षिण कोरियाई-आधारित धार्मिक समूह ‘यूनिफिकेशन चर्च’ के दशकों पुराने संबंध सामने आए।
प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने प्रकरण पर जनता के रोष को शांत करने की कोशिश की और तीन कैबिनेट मंत्रियों को बदल दिया। इस साल के समापन संसदीय सत्र में स्वीकृत नया कानून, मतावलंबियों अन्य दाताओं और उनके परिवारों को अपने धन की वापसी की मांग करने की अनुमति देता है और धार्मिक समूहों और अन्य संगठनों को जबरदस्ती, धमकियों या दान को आध्यात्मिक मुक्ति से जोड़कर धन मांगने से रोकता है। इस मामले में लोगों के अनुभव सुन चुके किशिदा ने उनके कष्टों को ‘‘भयानक’’ बताया और पीड़ितों तथा उनके परिवारों की मदद के लिए पारित कानून की प्रशंसा की। यह कानून लाना किशिदा की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक था।
इसके साथ, जापान की नयी राष्ट्रीय रक्षा नीति को भी मंजूरी दी गई है। इस सप्ताह के शुरू में 43 ट्रिलियन येन (316 अरब डॉलर) के पांच साल के रक्षा खर्च का लक्ष्य निर्धारित कर चुके किशिदा ने कहा कि उनकी सरकार को सालाना अतिरिक्त चार ट्रिलियन येन (30 अरब डॉलर) की आवश्यकता होगी। किशिदा ने कहा कि इसमें से एक चौथाई को कर वृद्धि के माध्यम से वित्त पोषित करना होगा।
Japan made law for donors of religious group unification church
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