केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत कृष्णराव कराड ने मंगलवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का संपत्ति आधार मार्च, 2022 तक 54 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। यह वाणिज्यिक बैंकिंग क्षेत्र के बही-खाते का लगभग एक-चौथाई है। दो प्रमुख एनबीएफसी कंपनियों आईएल एंड एफएस और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के पतन के बाद से यह उद्योग लंबे संकट में था।
कराड ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से आयोजित एनबीएफसी सम्मेलन में कहा कि एनबीएफसी छोटे और मझोले उद्यमों को ऋण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर अर्थव्यवस्था के प्रमुख विकास चालक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी क्षेत्र ने एमएसएमई उद्योग को अपना परिचालन बढ़ाने और अधिक रोजगार सृजित करने में मदद की है। एनबीएफसी कंपनियों की तरफ से दिया जा रहा कर्ज पिछले वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया जबकि बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण में इससे आधी वृद्धि हुई है।
कराड ने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों की सफलता का मुख्य कारण यह है कि उन्होंने उत्पादों को अनुकूलित किया है। इसके अलावा सीआईआई के एनबीएफसी मंच के चेयरमैन अभिमन्यु मुंजाल ने कहा किएनबीएफसी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने ऋण का लगभग 60 प्रतिशत डिजिटल रूप से वितरित किया है और नए ग्राहकों को जोड़ा है।
Karad said nbfcs asset base has crossed rs 54 lakh crore
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