कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि राज्य में ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) के कार्यान्वयन के संबंध में विधेयक यहां विधानमंडल के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान पेश नहीं किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इस सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता पर विधेयक पेश किया जाएगा तो, बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, “इस सत्र के दौरान इसे पेश करने की कोई संभावना नहीं है।” मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि कर्नाटक में यूसीसी को लागू करने के लिए गंभीर चर्चा चल रही है।
उन्होंने यह भी कहा था कि वह विभिन्न राज्यों में इस संबंध में घटनाक्रम और संविधान यूसीसी के बारे में क्या कहता है इसको लेकर सूचना जुटा रहे हैं तथा राज्य में इसे लागू करने के बारे में कोई भी निर्णय उन्हें देखने के बाद ही लिया जाएगा। हलाल प्रमाणन पर कथित तौर पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक निजी विधेयक पेश करने की भाजपा विधान पार्षद की योजना के बारे में पूछे जाने पर, बोम्मई ने कहा, “देखते हैं कि यह कब आता है; निजी विधेयक का अपना स्थान है। हम देखेंगे कि यह क्या है।”
भाजपा विधान पार्षद एन रवि कुमार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 में संशोधन के लिए विधान परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखकर एक निजी विधेयक पेश करने की अनुमति मांगी थी, ताकि किसी भी निजी संगठन को खाद्य पदार्थों के लिये प्रमाण पत्र जारी करने से रोका जा सके। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक किसी भी कंपनी को इस दावे के साथ विज्ञापन करने से रोकता है कि एक धार्मिक संस्था ने खाद्य उत्पाद को प्रमाणित किया है।
कुछ हिंदुत्व समूह हाल के दिनों में हलाल प्रमाणन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। महाराष्ट्र के एक सांसद के बेलगावी आने की इच्छा के बारे में एक सवाल के जवाब में, मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने उन्हें रोक दिया है। इतना ही नहीं, अन्य तीन से चार लोग प्रवेश करना चाहते थे, हमने सभी को रोक दिया है। हम किसी को भी अवैध रूप से कर्नाटक में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे।”
विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष विश्वनाथ चंद्रशेखर मामानी, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, और हाल ही में दिवंगत हो चुके आठ अन्य पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देकर इस सीमावर्ती जिले में विधानमंडल का दस दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। उम्मीद है कि सत्र अच्छी चर्चा के साथ उत्पादक और सफल होगा, बोम्मई ने कहा कि सरकार किसी भी चर्चा के लिए तैयार है और यह सही मंच है। उन्होंने कहा, “हम इस (उत्तर कर्नाटक) क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए भी तैयार हैं।
Karnataka government will not introduce uniform civil code bill in current session
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