आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान किम ह्यूजेस का मानना है कि अपनी तकनीक और तेवर के दम पर विराट कोहली सत्तर और अस्सी के दशक के मैल्कम मार्शल और माइकल होल्डिंग जैसे तेज गेंदबाजों के सामने भी कामयाब रहते। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में टेस्ट बल्लेबाजी का स्तर गिर गया है। सत्तर और अस्सी के दशक में 70 टेस्ट खेल चुके ह्यूजेस अपने जमाने के स्टाइलिश बल्लेबाज माने जाते थे लेकिन खराब फॉर्म के कारण बाद में नहीं खेले।
उन्होंने पीटीआई से बातचीत में कहा ,‘‘ विराट कोहली किसी भी दौर में शानदार खिलाड़ी होते क्योंकि उनके पास जबर्दस्त तकनीक और साहस है। वह किसी भी युग में अच्छा खेलते।’’ ह्यूजेस के अनुसार सर विवियन रिचडर्स से बड़ा और बेहतर कोई नहीं है लेकिन कोहली अगली जमात में हैं। उन्होंने कहा ,‘‘ कोहली सत्तर और अस्सी के दशक की कैरेबियाई टीम के खिलाफ भी उतने ही कामयाब होते। विव की तरह नहीं लेकिन फिर भी शानदार रहते। विव सबसे ऊपर है लेकिन विराट निश्चित तौर पर ग्रेग चैपल, एलेन बॉर्डर और जावेद मियांदाद की जमात में होते।’’
उनका मानना है कि टी20 क्रिकेट के कारण मौजूदा दौर के बल्लेबाज तकनीकी दिक्कतें झेल रहे हैं। उन्होंने कहा ,‘‘ टी20 क्रिकेट से बल्लेबाजों की तकनीक को नुकसान हुआ है। इस दौर के अधिकांश टेस्ट बल्लेबाजों को पता नहीं होगा कि बैकफुट पर कैसे खेलते हैं। सीमित ओवरों के क्रिकेट के कारण वे सिर्फ फ्रंटफुट पर खेलने के आदी हो गए हैं।
Kim hughes said kohli would have been successful in the face of the caribbean pace attack
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