अनुराधा पौडवाल बॉलीवुड की वो गायिका जिसका जीवन दुखों से घिरा रहा
मंत्रमुग्ध करने वाली आवाज की मालकिन अनुराधा पौडवाल बॉलीवुड की उन चुनिंदा गायिकाओं में से एक है जिन्होंने कम ही समय में अपना नाम इतना ऊंचा किया कि आज भी लोग उनकी आवाज के दिवाने है। दशकों से उन्होंने अपने फैंस के दिलों में जगह बनाई हुई है।
अनुराधा पौडवाल की आवाज सुनकर श्रोता उनपर मोहित हो जाते है। 27 अक्टूबर, 1954 को जन्मी अनुराधा बचपन से ही संगीत की तरफ आकर्षित हो गई थी। उनका सिंगिंग करियर वर्ष 1973 में शुरू हुआ। उन्होंने अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी स्टारर फिल्म अभिमान में एक श्लोक गीत गाया था। इसके बाद उन्हें कुछ वर्षों का इंतजार करना पड़ा और उन्होंने वर्ष 1976 में सुभाष घई की फिल्म कालीचरण में गाना गाने का मौका मिला। इसके बाद उनके करियर को लगातार सफलता मिलती रही। उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी, जयदेव आदि के साथ भी काम किया। अनुराधा ने अपने करियर के दौरान कई सफल गाने गाए।
फिल्मी गीतों ने मचाई धूम
अनुराधा पौडवाल ने कई ऐसे गीत गाए जो आज भी उनके फैंस की जुबां पर चढ़े हुए है। आशिकी फिल्म का नजर के सामने, दिल है कि मानता नहीं फिल्म का टाइटल ट्रैक, माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया धक धक करने लगा, तेजाब फिल्म का कह दो कि तुम हो मेरे, फिल्म राम लखन का तेरा नाम लिया जैसे कई गाने हैं जो आज भी संगीत प्रेमियों और उनके फैंस के फेवरेट गाने बने हुए है। एक समय ऐसा भी था जब बॉलीवुड की हर फिल्म में अनुराधा का गाना होता था। अनुराधा ने बॉलीवुड और भजनों के अलावा पंजाबी, बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगु, उड़िया और नेपाली में भी गाने गाए हैं।
भक्ति गीतों की तरफ किया रुख
अनुराधा पौडवाल अपने करियर के पीक पर रहते हुए बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर हो गई। उन्होंने फैसला किया कि वो सिर्फ भक्ति गीत ही गाएंगी। उन्होंने सिर्फ टी-सीरीज के लिए भजन गाए। बॉलीवुड में नाम कमाने के बाद भक्ति भजनों में अनुराधा की आवाज का ऐसा जादू बिखरा की हर कोई उनकी आवाज का दिवाना हो गया। उनके द्वारा गाए गए भजन, आरती आज भी मंदिरों में बजाए जाते है। पूरी दुनिया उनके गाए भजनों की दीवानी है।
एक इंटरव्यू में अनुराधा ने खुलासा किया था कि उन्होंने फिल्मों की जगह भक्ति गीतों में गाना क्यों चुना। उन्होंने बताया कि पहले म्यूजिक आधारित फिल्में बना करती थी, जिसमें म्यूजिक फिल्म की आत्मा होती थी। हालांकि अब ना ही गानों के बोल और म्यूजिक में पहले जैसी बात रही है। फिल्मी गीतों की जगह भक्ति गीतों को गाने में आनंद आता है।
कष्टदायक रहा निजी जीवन
सिंगिंग करियर के जरिए हर तरह की शोहरत पाने वाली अनुराधा पौडवाल का निजी जीवन काफी कष्टदायक रहा। अनुराधा ने एसडी बर्मन के असिस्टेंट अरुण पौडवाल के साथ शादी की थी, जो खुद भी एक म्यूजिक कंपोजर थे। उनके दो बच्चे हुए एक बेटा आदित्य और एक बेटी कविता। अचानक दुर्घटना में उनके पति अरुण पौडवाल की मृत्यु से वह बुरी तरह टूट गईं। दोनों बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उन पर ही आ गई। वर्ष 2020 में अनुराधा को एक और झटका लगा जब उनका बेटा 35 वर्ष की आयु में किडनी की बीमारी के कारण जिंदगी की जंग हार गया। बता दें कि अनुराधा के बेटे आदित्य पौडवाल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में देश के सबसे कम उम्र के म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर दर्ज है।
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