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नीदरलैंड के खिलाड़ी के परिवार ने सिख दंगों के दौरान छोड़ा था देश, अब भारत के खिलाफ उतरा मैदान में

नीदरलैंड के खिलाड़ी के परिवार ने सिख दंगों के दौरान छोड़ा था देश, अब भारत के खिलाफ उतरा मैदान में

नीदरलैंड के खिलाड़ी के परिवार ने सिख दंगों के दौरान छोड़ा था देश, अब भारत के खिलाफ उतरा मैदान में

ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में हो रहे टी20 विश्वकप में गुरुवार को भारत और नीदरलैंड्स के बीच मुकाबला खेला गया। नीदरलैंड्स की टीम में भारतीय मूल के विक्रमजीत सिंह भी शामिल है, जिन्होंने भारत के खिलाफ अपना मुकाबला खेला। खुद विक्रमजीत ने इस मुकाबले को अंतरराष्ट्रीय करियर का सबसे बड़ा मैच बताया है। बता दें की नीदरलैंड की क्रिकेट प्रतिभाओं में विक्रमजीत का नाम भी शामिल है।
जानकारी के मुताबिक इस मैच में 19 वर्षीय विक्रमजीत सिंह जो नीदरलैंड्स के सलामी है ने भी हिस्सा लिया। खास बात है कि विक्रमजीत भारत के पंजाब से ताल्लुक रखते है। हालांकि सिख दंगों के दौरान रातों रात ही विक्रमजीत के दादाजी खुशी चीमा को परिवार समेत पंजाब छोड़कर नीदरलैंड्स छोड़कर जाना पड़ा था।
 
नीदरलैंड्स की टीम से साथ खेलने पर विक्रमजीत सिंह के पिता हरप्रीत ने मीडिया को बताया कि जब वो सिर्फ पांच वर्ष के थे तो उनके पिता ने पंजाब छोड़ने का फैसला किया था। उन्होंने बताया कि वो रात और सुबह भूलना कभी संभव नहीं है। मेरे पिता ने विद्रोह को बढ़ता देख घर, गांव और देश तक छोड़ने का फैसला किया था।
उन्होंने बताया कि मैं महज पांच वर्ष की उम्र में परिवार के साथ नीदरलैंड्स पहुंचा था। शुरुआती दिनों में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। नीदरलैंड का कल्चर से लेकर भाषा तक भिन्न थी। नए देश के साथ नए परिवेश में सामंजस्य बैठाना काफी मुश्किल भरा था। ये वो दौर था जब नीदरलैंड्स में नस्लवाद भी चरम पर था। यहां रहते हुए स्किन कलर, दाढ़ी, पगड़ी को लेकर काफी चीजों का सामना करना पड़ा था, मगर समय के साथ स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला।
 
पंजाब में जन्मे हैं विक्रमजीत
विक्रमजीत का जन्म पंजाब में अपने पैतृक गांव चीमा खुर्द में ही हुआ है। सात वर्ष की उम्र तक उनकी परवरिश इसी गांव में हुई है। इसके बाद वो नीदरलैंड्स गए। यहां 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने नीदरलैंड्स के अंडर-12 टूर्नामेंट में अपना खेल दिखाया। यहां उनकी प्रतिभा को डच कप्तान पीटर बोरेन ने पहचाना। इसके बाद उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई और 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने नीदरलैंड्स की ए टीम में जगह बनाई। इसके बाद नीदरलैंड्स की टी20 वर्ल्डकप की टीम का भी वो हिस्सा बने। हालांकि टीम का हिस्सा बनने के लिए पीटर बोरेन ने विक्रमजीत को कड़ी ट्रेनिंग दी थी। घंटों नेट्स पर प्रैक्टिस करना भी इसमें शामिल रहा है।
 
भारत से भी ली है ट्रेनिंग
विक्रमजीत को स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स कंपनी से स्पॉन्सरशिप मिली। ये कंपनी वो है जिसने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी, हरभजन सिंह के लिए बैट बना चुकी है। इसके बाद विक्रमजीत ने चंडीगढ़ स्थित गुरुसागर क्रिकेट अकादमी में छह महीने ट्रेनिंग ली थी। वो तरुवर कोहली के साथ ट्रेनिंग ले चुके है।

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