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Hollywood की Forrest Gump का सस्ता adaptation है आमिर खान की Laal Singh Chaddha

Hollywood की Forrest Gump का सस्ता adaptation है आमिर खान की Laal Singh Chaddha

Hollywood की Forrest Gump का सस्ता adaptation है आमिर खान की Laal Singh Chaddha

कुछ लोगों का कहना है कि आमिर खान की आखिरी बेहतरीन परफॉर्मेंस दंगल थी। मेरे लिए वह गजनी थी। लेकिन इसके बाद से न जानें आमिर खान को क्या हो गया है। बॉलीवुड में आमिर खान को 'मिस्टर परफेक्ट' का खिताब मिला है, उनसे हम बेटर की उम्मीद करते हैं। लाल सिंह चड्ढा कल्ट फिल्म फॉरेस्ट गंप का हिंदी अडैप्टेशन है। 1994 में रॉबर्ट ज़ेमेकिस की 'फॉरेस्ट गंप' तकनीकी जादू के साथ इमोशनल फिल्म थी जिसने न जाने कितने अवॉर्ड जीते थे और दुनियाभर के सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई थी। लगभग तीन दशकों के बाद आमिर खान ने फिल्म को हिंदी में रीमेक किया है और इसे क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रस्तुत किया है।
 
फिल्म 11 अगस्त को सिमेनाघरों में रिलीज हो गयी हैं और ओपनिंग डे पर 12 करोड़ की कमाई भी कर चुकी हैं लेकिन एक लइन में कहा जाए तो सच में अब लगने लगा है कि बॉलीवुड को आत्ममंथन की बहुत ज्यादा जरूरत हैं। फिल्म बनाने वाले भारतीय दर्शकों को भूल चुके हैं। आखिर भारतीय दर्शक क्या चाहता है कैसी फिल्में देखना चाहता है?   यह सवाल फिल्म लाल सिंह चड्ढा देखकर एक बार फिर खड़ा हो गया हैं। फिल्म को लेकर जिस तरह से सोशल मीडिया पर बहिष्कार की मांग हो रही थी, फिल्म देखने के बाद लगता है बायकॉट की कोई जरूरत नहीं थी। फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिसे देखने के लिए वीकेंड की छुट्टी पर सिनेमाघर जाया जाए।
 

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कहानी 
फिल्म की कहानी पठानकोठ शहर से दूर एक कस्बे में रहने वाले लाल सिंह चड्ढा की है। लाल सिंह चड्ढा यानी कि आमिर खान। लाल बचपन से ही थोड़े स्लो दिमाग के होते हैं और इसके पैरों में भी परेशानी होली है लेकिन उनकी मां यानी की मोना सिंह अपने बेटे को यह समझाती है कि वह बिलकुल नोर्मल हैं। मोना अपने लाल से कहती है कि यह थोड़ी सी पैर की जो परेशानी है वो एक दिन अपने आप ठीक हो जाएगी। इश्वर सब ठीक कर देगा। मोना अपने बेटे को इश्वर के चमत्कार के बारे में बताती हैं। वहीं दूसरी तरह लाल सिंह चड्ढा बचपन से ही एक लड़की को पसंद करता हैं लकिन लड़की (रूपा- करीना कपूर) लाल को फ्रेंडजोन में रखती हैं। लाल और रूपा एक दिन बात कर रहे होते हैं तभी रूपा लाल को भागने के लिए बोलती है। भागते भागते लाल के पैर सही हो जाते हैं और वह धीरे-धीरे तेज दौड़ने लगता हैं। तेज दौड़ने के कारण वह आगे चलकर आर्मी में भर्ती हो जाता है।
 

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लाल अभी भी रूपा को दिल और जान से चाहता है। रूपा अब भी लाल को अपना दोस्त ही मानती हैं। लाल अपने कैंप में नागा चैत्नय से मिलता हैं। यहीं से कारगिल की लड़काई में लाल की भागीदारी को भी दिखाया गया है। फिल्म में बहुत कुछ चलता रहता हैं। इंदिरा गांधी की मौत, इमेरजेंसी, कारगिल की लड़ाई, मुंबई में हुए दंगे, कांग्रेस की सरकार के बाद भाजपा का आगमन, 26/11 आतंकी हमला, अन्ना हजारे का अनशन, और स्वच्छ भारत अभियान इन सभी की जर्नी को तय करते हुए फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है।

Laal singh chaddha film review

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