श्रम मंत्रालय ने बुधवार को उच्च बेरोजगारी पर सर्वेक्षण आधारित खबरों को खारिज करते हुए कहा कि विभिन्न निजी संगठन अपनी कार्यप्रणाली के आधार पर ऐसे अध्ययन करते हैं जो आमतौर पर न तो वैज्ञानिक होते हैं और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों पर आधारित होते हैं। हालांकि, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने अपने खंडन में ऐसी किसी खबर या निजी संस्था का जिक्र नहीं किया है। मंत्रालय ने कहा कि दिसंबर, 2022 के दौरान उच्च बेरोजगारी दर से संबंधित एक समाचार एक निजी कंपनी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर मीडिया के कुछ वर्गों में प्रकाशित किया गया है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कई निजी कंपनियां/संगठन अपने स्वयं के तरीकों के आधार पर सर्वेक्षण करते हैं, जो आमतौर पर न तो वैज्ञानिक होते हैं और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों पर आधारित होते हैं। मंत्रालय ने कहा कि उसने ‘‘बेरोजगारी दर पर समाचार का खंडन’’ जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे सर्वेक्षणों के परिणामों का सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए। उपलब्ध सावधिक श्रमबल सर्वे (पीएलएफएस) रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘श्रमिक जनसंख्या अनुपात यानी 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए रोजगार, जुलाई-सितंबर 2022 के दौरान 44.5 प्रतिशत के स्तर पर था, जबकि वर्ष 2019 में इसी तिमाही के दौरान यह 43.4 प्रतिशत था।
जुलाई-सितंबर, 2019 के 8.3 प्रतिशत की तुलना में बेरोजगारी दर, जुलाई-सितंबर 2022 में 7.2 प्रतिशत रही। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस प्रकार, पीएलएफएस के आंकड़े बताते हैं कि रोजगार बाजार न केवल कोविड-19 महामारी के झटके से उबर चुका है, बल्कि महामारी-पूर्व के स्तर से भी ऊपर है।’’ सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) ने सोमवार को कहा कि देश में बेरोजगारी दर दिसंबर में बढ़कर 8.3 प्रतिशत हो गई, जो वर्ष 2022 में सबसे अधिक है।
Labor ministry rejects survey based data on high unemployment rate
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