सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के एक वर्ग ने चार जनवरी को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ये कर्मचारी इन कंपनियों के प्रस्तावित पुनर्गठन के खिलाफ हैं। साधारण बीमा कंपनियों के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच (जेएफटीयू) ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित पुनर्गठन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कमजोर करेगा। मंच ने एक बयान में कहा कि प्रस्तावित पुनर्गठन में फायदे में चल रहे कार्यालयों सहित कई दफ्तरों को बंद करने की बात है। इसके अलावा कार्यालयों का विलय भी किया जाना है। उसने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में लगभग 1,000 कार्यालय पहले ही बंद हो चुके हैं।
इनमें से ज्यादातर मझोले और छोटे शहरों (टियर-2 और टियर-3) में थे। श्रमिक संगठनों के मंच ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के कार्यालयों के बड़े पैमाने पर बंद होने और विलय होने से न केवल पॉलिसीधारकों पर बल्कि आम नागरिकों पर भी असर पड़ रहा है। मंच ने कहा कि इससे निजी बीमा कंपनियों को मझोले और छोटे शहरों के बाजार पर कब्जा करने के लिए अनुचित लाभ मिल रहा है। उसने कहा कि इन सबको देखते हुए चार साधारण बीमा कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और जीआईसी री के करीब 50,000 कर्मचारी चार जनवरी को एक दिन की हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं। मुख्य श्रम आयुक्त ने इस मुद्दे को हल करने और हड़ताल से बचने के लिए दो जनवरी को सुलह बैठक बुलाई है।
Labor union of public sector general insurance companies warns of going on strike
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