लाहौर की एक शीर्ष अदालत ने सोमवार को संघीय सरकार को निर्देश दिया कि वह 1947 में पाकिस्तान के गठन के बाद से नेताओं और नौकरशाहों को विदेशी गणमान्य लोगों से मिले तोशाखाना के उपहारों का ब्योरा 16 जनवरी तक पेश करे। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़े एक विवाद के बाद पाकिस्तान सरकार का तोशाखाना विभाग चर्चा में आया है। इमरान खान ने सरकारी तोशाखाना से कथित तौर पर 10.80 करोड़ रुपये के उपहार 2.15 करोड़ रुपये में बेच दिए थे।
लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आसिम हफीज ने तोशाखाना के विवरण को सार्वजनिक करने के लिए अदालती आदेशों की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। इस याचिका में तोशाखाना के उपहारों के साथ ही उन व्यक्तियों/अधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी गयी, जिन्होंने भुगतान करने के बाद ये उपहार खरीदे। पाकिस्तान में 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है और अन्य देशों के शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए कीमती उपहारों को संगृहीत करता है।
तोशाखाना के नियमों के अनुसार, जिन व्यक्तियों पर ये नियम लागू होते हैं, उनके द्वारा प्राप्त उपहार और ऐसी अन्य सामग्री की सूचना कैबिनेट प्रभाग को दी जाएगी। सोमवार की सुनवाई के दौरान, सरकार की ओर से पेश हुए वकील शेराज जका ने तर्क दिया कि तोशाखाना से संबंधित विवरण गोपनीय हैं और उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। अदालत ने तब पूछा कि विवरण का खुलासा कैसे नहीं किया जा सकता है। लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने 16 जनवरी तक संघीय सरकार से रिपोर्ट मांगते हुए निर्देश दिया, ‘‘अदालत को विवरण जमा करें और अदालत तय करेगी कि ये गोपनीय हैं या नहीं।
Lahore high court seeks details of gifts in toshakhana case
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