उदयपुर घटना को लेकर राजस्थान की कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में
राजस्थान की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि उदयपुर में रेलवे पटरी पर विस्फोट की घटना ने सबको हिला कर रख दिया है। हालांकि अब इस मामले की जांच का काम एनआईए को सौंप दिया गया है। देखना होगा कि क्या चीजें सामने निकल कर आती हैं। इस बीच, सोमवार सुबह NSG की टीम घटनास्थल पर पहुंची और गहनता से पूरे इलाके का निरीक्षण किया। जहां तक इस घटनाक्रम की बात है तो हम आपको बता दें कि असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन के जावर माइंस थाना क्षेत्र से गुजरने से कुछ घंटे पहले रविवार को उदयपुर में रेलवे पटरी पर विस्फोट हो गया। बताया जा रहा है कि केवड़ा की नाल के पास ओढा रेलवे पुल पर पटरियों को नुकसान पहुंचाने के लिए खनन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। हालांकि स्थानीय लोगों की सतर्कता के चलते एक बड़ी घटना टल गई।
इस बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा, ''हमने NIA को बुलाया है और वह देख रही है कि कैसे घटना हुई है। FSL भी वहां पहुंची हैं। इस मामले को हम गंभीरता से ले रहे हैं।''
हम आपको यह भी बता दें कि जिस ट्रेन असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस को पुल पर से गुजरना था उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को अहमदाबाद के असरवा रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाई थी। घटना जैसे ही प्रकाश में आई उसके तत्काल बाद फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और आतंकवाद रोधी दस्ते की टीमों ने मौके का दौरा किया और जांच की। इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट के लिए 'सुपरपावर 90' के डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने बताया कि “विस्फोट सुनियोजित प्रतीत होता है लेकिन स्थानीय लोगों की सतर्कता से मामला प्रकाश में आ गया और बड़ी घटना टल गई।’’
उधर, घटना के तत्काल बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से कहा था कि इस घटना को अंजाम देने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जायेगी। उन्होंने कहा था कि जांच एजेंसियां मौके पर हैं और जो भी चीजें सामने आयेंगी उसके आधार पर गंभीरता के साथ कार्रवाई की जायेगी।
Law and order of rajasthan is once again under question regarding udaipur incident