शिवसेना का संदेह, MNS के सवाल और पवार का 48 घंटे वाला अल्टीमेटम, बढ़ता ही जा रहा है महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद
कन्नड़ रक्षण वेदिका संगठन के कार्यकर्ताओं ने बेलगाम के पास हिरेबगेवाड़ी टोल बूथ पर विरोध प्रदर्शन करते हुए महाराष्ट्र के छह गुजरने वाले वाहनों पर पथराव किया, जबकि स्थिति तब और ज्यादा तनावपूर्ण हो गई जब कर्नाटक प्रशासन ने महाराष्ट्र एकता समिति के सदस्यों को हिरासत में ले लिया। अब पूरे मामले को लेकर महाराष्ट्र से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। कर्नाटक जाने वाली एसटी बसों का आवागमन भी रोक दिया गया है। लिहाजा, राज्य में विपक्षी दल आक्रामक हो गए हैं और खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
अब इस मुद्दे पर शिवसेना भी आक्रामक हो गई है और शिवसेना ने कहा है कि ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि शिंदे सरकार जवाब नहीं दे रही है। मनसे ने भी संदेह जताया है और इस हमले की जांच की मांग की है। जहां महाराष्ट्र के सीमा समन्वय मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई ने अपना दौरा रद्द कर दिया, वहीं कन्नड़ रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ता विरोध में बेलगाम पहुंचे, जहां भारी पुलिस बल की मौजूदगी बढ़ा दी गई है।
सीमा क्षेत्र के टोल बूथों पर नाकाबंदी और चेकिंग के पूरे माहौल में बेलगाम का पूरा माहौल गरमा गया है। दूसरी ओर महाराष्ट्र में मराठी लोग भी भड़के नजर आ रहे हैं, पुणे में कुछ कन्नड़ बसों को ब्लैक आउट कर दिया गया। उधर, महाविकास अघाड़ी में सभी दल आक्रामक हो गए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिए शिंदे-फडणवीस सरकार पर हमला बोला है। मनसे ने भी इस पर स्टैंड लिया है और सरकार से इस हमले की जांच की मांग की है।
मनसे नेता विधायक राजू पाटिल ने ट्वीट कर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल पूछा है। मनसे ने मांग की है कि सरकार इस बात का पता लगाए कि यह हमला प्रेरित है या प्रायोजित और जरूरत पड़ने पर केंद्र इसकी जांच करे क्योंकि हमला एक साथ 3-3 जगहों पर हो रहा है। इस ट्वीट को मनसे के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया गया है। इसलिए देखा जा रहा है कि मनसे ने भी विधायकों की भूमिका स्वीकार कर ली। ऐसे में अब सबकी निगाह इस बात पर है कि राज्य सरकार और उपमुख्यमंत्री फडणवीस क्या भूमिका निभाएंगे।
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