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क्या परिवारवादी राजनीति हो रही खत्म ? देवेंद्र फडणवीस का त्याग क्या गुल खिलायेगा ?

क्या परिवारवादी राजनीति हो रही खत्म ? देवेंद्र फडणवीस का त्याग क्या गुल खिलायेगा ?

क्या परिवारवादी राजनीति हो रही खत्म ? देवेंद्र फडणवीस का त्याग क्या गुल खिलायेगा ?

महाराष्ट्र सियासत का हालिया अध्याय भारत के लिए कुछ महासबक दे रहा है। सबसे पहला सबक तो यही है कि परिवारवाद की राजनीति पर जो पार्टी टिकी हुई है, वह खुद के लिए और भारतीय लोकतंत्र के लिए भी खतरा है। अब जो शिवसेना उद्धव ठाकरे के पास बची हुई है, वह कब तक बची रहेगी या बचेगी या नहीं बचेगी, कुछ पता नहीं। उसके दो टुकड़े पहले ही हो चुके थे जैसे लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह की पार्टियों के हुए हैं। दरअसल, परिवारवादी पार्टियां परिवार के अलग-अलग खंभों पर टिकी होती हैं। प्रभासाक्षी के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में महाराष्ट्र के घटनाक्रम और हैदराबाद में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उठाए गए विषयों की समीक्षा की गई।

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महाराष्ट्र में नई सरकार लगातार फैसले ले रही है और पुरानी सरकार को झटका भी दे रही है। दरअसल, प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में ट्रांसफर करने के निर्देश दे दिए हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कानूनी टीम को न्यायालय को सूचित करने के लिए कहा है कि मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में ट्रांसफर किया जा रहा है।

प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद एकनाथ शिंदे खेमे में अब सांसद भी शामिल होना चाहते हैं। भाजपा का दावा है कि शिवसेना के कम से कम 12 सांसद उनके संपर्क में हैं। प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने बताया कि हमने 10 दिन तक सियासी घटनाक्रम को बारीकी से देखा और अब वहां पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार है। किसी को भी इस बात का अंदेशा नहीं था, खुद एकनाथ शिंदे को भी कि वो मुख्यमंत्री बनेंगे। देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात से पहले तक एकनाथ शिंदे को यह बिल्कुल भी नहीं लगा था कि वो मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन तमाम बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया।

उन्होंने बताया कि देवेंद्र फडणवीस की दिल्ली में हुई बैठकों के बाद एकनाथ शिंदे की ताजपोशी का फैसला हुआ। यह शिवसेना के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था। इतना ही नहीं महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म कहे जाने वाले शरद पवार भी इस फैसले से अचंभित रह गए थे। उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि एकनाथ शिंदे को सत्ता की कमान सौंपी जाएगी। हालांकि उन्होंने ट्वीट कर एकनाथ शिंदे को बधाई भी दी थी।

आपको बता दें कि राज्यपाल से मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया था कि एकनाथ शिंदे हमारे नेता होंगे और मैं मंत्रिमंडल से बाहर रहूंगा। उनके इस ऐलान ने सभी को अचंभित कर दिया था। हालांकि शीर्ष नेताओं के निर्देश के बाद देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल हुए और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। उनके इस त्याग को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने एक मराठी भाषा में एक खुला पत्र भी लिखा। जिसमें उनके फैसले की जमकर सराहना की।

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इसी बीच भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े सवाल पर उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि भाजपा समय-समय पर वर्चुअल मोड पर भी बैठकें करती रहती है। इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी की भी बैठकें हुई हैं तो पार्टी में लगातार काम चल रहा है और शीर्ष नेताओं के साथ पार्टी पदाधिकारियों की बैठकें भी हो रही हैं। इसी बीच दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विधानसभा चुनावों को लेकर तो मंथन होगा ही साथ-साथ उदयपुर, अमरावती जैसी घटनाओं को लेकर भी गहन चिंतन किया जाएगा और पार्टी की भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी।

- अनुराग गुप्ता 

Maharashtra politics is family politics coming to an end

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