महाराष्ट्र के इस्पात विनिर्माता संघ (एसएमएएम) ने राज्य के कुछ पिछड़े क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए 2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा पहली बार दी गई बिजली सब्सिडी को फिर से शुरू करने की मांग की है। एसएमएएम के अध्यक्ष योगेश मंधानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2019 में तत्कालीन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने मराठवाड़ा, विदर्भ और खानदेश में इस्पात इकाइयों के लिए पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति शुरू की थी।
हालांकि, इसे इस साल 23 जून को वापस ले लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘सब्सिडी को बंद करने से औद्योगिक विकास और उत्पादन में भारी गिरावट आई है। अब छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्य 5.25 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली मुहैया कराते हैं, जबकि महाराष्ट्र में यह आठ रुपये प्रति यूनिट है।’’ मंधानी के अनुसार, इसके कारण राज्य में 36 इस्पात इकाइयां बंद हो गई हैं और 10 इकाइयां मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात चली गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार संकटग्रस्त क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इस सब्सिडी को दोबारा शुरू करे।
Maharashtra steel makers demand resumption of power subsidy
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