मुंबई के स्पेशल एनआईए कोर्ट में 5 नवंबर यानी आज के दिन मालेगावं बम धमाके का एक और गवाह अपने बयान से मुकर गया है। जिसने अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं करने वाले गवाहों की गिनती 28 कर दी। मतलब, अब तक कुल 28 गवाह इस मामले में कोर्ट के सामने अपने पहले बयान से मुकर चुके हैं। इस मामले में अब 105 गवाह शेष हैं। मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी।
अब बचे हैं 105 गवाह
एटीएस मालेगांव ब्लास्ट 2008 मामले की जांच शुरू में कर रही थी। तभी से गवाही दर्ज की जा रही थी। मामले में अब तक 220 गवाहों के बयान अदालत में दर्ज किए गए हैं। अभी और 105 गवाह बचे हैं। अगस्त के महीने में 25वां गवाह मुकर गया था। वहीं बीते दिन 75 वर्षीय व्यक्ति जो 2008 में उज्जैन में एक धर्मशाला में प्रशासक था। वो भी अपने बयान से मुकर गया था। आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने अपने आरोप पत्र में उनके बयान को शामिल किया था, जिसमें कहा गया था कि आरोपी - भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 2008 में धर्मशाला में एक दिन और दयानंद धरद्वीवेदी दो महीने के लिए रुके थे। गवाह ने अदालत को बताया कि उसे पिछले बयान की कोई सामग्री याद नहीं है।
क्या है मालेगांव ब्लास्ट
महाराष्ट्र के मालेगांव पर 29 सितंबर 2008 की रात साढ़े नौ बजे के करीब बम धमाका हुआ था। इसमें छह लोग मारे गए थे और 101 लोग घायल हुए थे। इस धमाके में एक मोटरसाइकिल के इस्तेमाल की बात सामने आई थी। एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर बताई गई। इस मामले में उनके अलावा मेजर रमेश उपाध्याय, कर्नल पुरोहित समेत 7 आरोपी हैं।
Malegaon bomb blast another witness turned hostile
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