Bilawal Bhutto के बयान को मीनाक्षी लेखी ने बताया बेबुनियाद, बोलीं- यह पाकिस्तान और उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। भारत में अब पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने लगा है। इतना ही नहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने तो दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया। इन सबके बीच विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का भी बड़ा बयान आ गया है। मीनाक्षी लेखी ने बिलावल भुट्टो के बयान को पूरी तरीके से बेबुनियाद बताया और कहा कि यह पाकिस्तान और उनके दिवालियेपन को दिखाता है। अपने बयान में मीनाक्षी लेखी ने कहा कि बिलावल भुट्टो ने जिस प्रकार का बेबुनियाद बयान दिया है वो पाकिस्तान और उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि ये असफलता की ओर बढ़ते हुए पाकिस्तान और वहां के एक असफल नेता का बयान है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जिन लोगों को शह देता आया है उसके बारे में बात करने का समय आ गया है। लेखी ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसको दुनिया में कोई मान्यता नहीं मिलती। जिस प्रकार से इनके देश को नजरअंदाज किया जाता है उसी प्रकार से इनके बयान को भी नजरअंदाज करना चाहिए। इससे पहले अुनराग ठाकुर ने भी कहा कि 1971 में आज ही के दिन जिस तरह भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को धूल चटाई थी शायद उसका दर्द उनको अभी तक है। उसके बाद भी पाकिस्तान आतंकवादियों को पैदा करने,बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करता रहा।
दरअसल, बिलावल भुट्टो ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि मैं भारत को बताना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन तो मर चुका है लेकिन गुजरात का कसाई अभी जिंदा है जो भारत का प्रधानमंत्री हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिका ने उनकी एंट्री पर बैन लगा दिया था। बिलावल भुट्टो का यह बयान विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान के पलटवार के तौर पर आया है। विदेश मंत्री ने यूएनएससी में पाकिस्तान को आईना दिखाया था और उसके आतंकवाद प्रेम की पोल खोल कर रख दी थी। विदेश मंत्री ने कहा था कि जिस देश ने अल-कायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन को सुरक्षित पनाहगाह दी और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसे संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था में ‘उपदेश’ देने का कोई अधिकार नहीं है।
Meenakshi lekhi termed bilawal bhutto statement as baseless