प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में ‘‘बहुत बड़ा फर्क’’ है और देश अब ‘‘अभूतपूर्व पैमाने और गति’’ से आगे बढ़ रहा है। मोदी ने यह बात इंडोनेशिया में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए सत्ता में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को बताते हुए कही। प्रधानमंत्री मोदी ने बाली के नुसा दुआ में जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ समय निकाला और कुछ किलोमीटर दूर सुनूर के एक होटल बॉलरूम पहुंचे, जहां प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ‘‘मोदी, मोदी’’ के नारों से उनका स्वागत किया।
मोदी ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी में भारत दुनिया के लिए आशा की एक किरण है। उन्होंने भारत की विकास गाथा, इसकी उपलब्धियों और भारत द्वारा विभिन्न क्षेत्रों जैसे - डिजिटल प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य, दूरसंचार और अंतरिक्ष में हासिल की जा रही जबरदस्त प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विकास के लिए भारत की विस्तृत रूपरेखा में दुनिया की राजनीतिक और आर्थिक आकांक्षाएं शामिल हैं और आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि वैश्विक भलायी की भावना का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब बड़ा सोचता है और उच्च लक्ष्य रखता है।
मोदी ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘2014 से पहले और उसके बाद के भारत में गति और पैमाने का बहुत बड़ा फर्क है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज, भारत एक अभूतपूर्व पैमाने और गति से आगे बढ़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत अब सबसे बड़ी प्रतिमाएं, सबसे बड़े स्टेडियमों का निर्माण कर रहा है। मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार 2014 में सत्ता में आई थी। सत्तारूढ़ भाजपा ने 2019 के आम चुनावों में अपनी सत्ता बरकरार रखी।
हालांकि, मोदी परोक्ष तौर पर केंद्र में अपनी सरकार के कार्यकाल की ओर इशारा कर रहे थे, लेकिन उन्होंने पिछली सरकारों या किसी विशेष राजनीतिक दल का नाम लेने से परहेज किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अब छोटे सपने नहीं देखते। 2014 से, हमने 32 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले हैं। अमेरिका की आबादी से अधिक।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने उन क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जिनमें भारत अब ‘‘नंबर एक’’ है जिसमें स्मार्टफोन डेटा खपत, आईटी आउटसोर्सिंग और कुछ दवाओं और टीकों का निर्माण शामिल है। मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया भाग्यशाली था कि उसे भारत से दो साल पहले स्वतंत्रता प्राप्त हुई और भारत इंडोनेशिया से बहुत कुछ सीख सकता है। हालांकि, साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की 75 साल की लंबी विकास यात्रा में बहुत कुछ है, जो वह इंडोनेशिया को दे सकता है। मोदी ने कहा, ‘‘भारत की प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और उद्योग ने दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में आज भारतीय मूल के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) हैं।’’
मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद प्रवासी भारतीयों के समक्ष कई अन्य मुद्दों का भी उल्लेख किया, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में बनायी गई नयी सड़कों की लंबाई, गरीबों के लिए घर और अब तक लगायी गई कोविड-19 रोधी टीके की खुराक शामिल है। मोदी ने मौजूद लोगों से सवाल किया कि क्या उन्हें इन उपलब्धियों पर गर्व नहीं है। उन्होंने भारत-इंडोनेशिया के लगातार प्रगाढ़ होते संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने इंडोनेशिया - विशेष रूप से बाली और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया।
मोदी ने सभा में मौजूद लोगों को याद दिलाया कि ओडिशा के कटक में लोग अभी बाली जात्रा नामक त्योहार मना रहे हैं। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी जिक्र किया। उन्होंने इंडोनेशिया और बाली द्वीप से अपने लगाव के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘बाली में शायद ही कोई होगा जो अपने जीवनकाल में अयोध्या या द्वारका की यात्रा नहीं करना चाहता हो।’’ उन्होंने भारत के उन समुदायों का उल्लेख किया, जिनके सदस्य अब इंडोनेशिया में रहते हैं और काम करते हैं, जिससे यह उनकी कर्मभूमि बन गई है।
उन्होंने इस संबंध में सिंधियों, तमिलों और बोहरा जैसे समुदायों का नाम लिया। उन्होंने भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों वर्षों के सांस्कृतिक संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने संक्रांति त्योहार और भगवान गणेश की मूर्तियों का भी उल्लेख किया, जिन्हें अक्सर इंडोनेशिया में सार्वजनिक स्थानों पर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि अपनी विरासत से जुड़े भारत का लक्ष्य आज आसमान को छूना है।
उन्होंने कहा कि देश बाकी दुनिया की मदद के लिए भी हाथ बढ़ाना चाहता है। मोदी ने इंडोनेशिया की अपनी पिछली यात्रा को याद किया जब उन्होंने राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ पतंग उड़ाई थी। प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल के लोगों को अगले साल जनवरी में होने वाले अगले प्रवासी भारतीय दिवस पर भारत की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने पूरे इंडोनेशिया से एकत्र हुए 800 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अकेले नहीं आइये, एक इंडोनेशियाई परिवार को साथ लाइएगा।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया में कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से विदेशों में भारत के कद और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों की सराहना की। उन्होंने भारत-इंडोनेशिया संबंधों को मजबूत करने में भारतीय समुदाय के सदस्यों द्वारा निभायी गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बात की। दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन का मंगलवार को पहला दिन था। भारत जी20 के सदस्य देशों में शामिल है। इनमें विकसित और उभरती दोनों अर्थव्यवस्थाएं और यूरोपीय संघ भी शामिल है। मोदी यहां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए हैं।
Modi said there is a huge difference between india before 2014 and after 2014
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