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मोदी,शी के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करने का रूस पर पड़ा असर:सीआईए प्रमुख

मोदी,शी के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करने का रूस पर पड़ा असर:सीआईए प्रमुख

मोदी,शी के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करने का रूस पर पड़ा असर:सीआईए प्रमुख

वाशिंगटन। केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के प्रमुख विलियम बर्न्स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जाहिर करने का रूस पर असर पड़ा है। बर्न्स ने कहा कि उन्हें लगता है कि (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन और उनके आसपास के लोगों ने डराने के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी। बर्न्स ने कहा, ‘‘सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने की योजना को लेकर हमें आज कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं दिखे हैं।’’

अमेरिक के सार्वजनिक प्रसारक ‘पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस’ (पीबीएस) को दिए एक साक्षात्मकार में सीआईए के निदेशक ने कहा कि अमेरिका ने रूसियों को यह स्पष्ट कर दिया है कि उसके (परमाणु खतरे के) गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि शी चिनफिंग और भारत के प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी का परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जाहिर करने का भी काफी फायदा हुआ है। मुझे लगता है कि इसका रूस पर भी असर पड़ा है।’’

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर सितंबर में रूस केराष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों को अमेरिका ने कई बार रेखांकित किया है। उसने बाली में जी20 में भी भारत द्वारा निभाई गई आवश्यक भूमिका को स्वीकार किया था, जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष पर प्रधानमंत्री मोदी का संदेश शामिल था। चीन के राष्ट्रपति शी ने भी यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया था। ज्वाइंट चीफ्स के प्रमुख जनरल मार्क मिले की सर्दियों में रूस और यूक्रेन के बातचीत करने के संदर्भ में की गई टिप्पणी पर बर्न्स ने कहा, ‘‘ अधिकतर संघर्ष बातचीत से ही समाप्त होते हैं, लेकिन इस संदर्भ में रूस के गंभीरता दिखाने की जरूरत है जो मुझे नहीं लगता कि हमें अभी तक नजर आई है।’’

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रूस और चीन के बीच सहयोग को लेकर उत्पन्न चिंता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि शी चिनफिंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल के वर्षों में काफी गहरी साझेदारी बनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में इस साझेदारी की कुछ सीमाएं हैं, कम से कम राष्ट्रपति शी की पुतिन को उस तरह की सैन्य सहायता प्रदान करने की अनिच्छा के संदर्भ में जो उन्होंने यूक्रेन में युद्ध के दौरान मांगी थी।’’ बर्न्स ने कहा कि हालांकि वह उस साझेदारी को लेकर चीन और रूसी नेतृत्व की प्रतिबद्धता को कभी कम करके नहीं आंकेंगे।

Modi xis concerns about the use of laxity had an impact on russia cia chief

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