मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े एक भूमि सौदे से संबंधित कथित धन शोधन के एक मामले में जमानत के लिए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है। वकील तारक सैयद और कुशल मोर के जरिए दायर मलिक की याचिका का न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की एकल पीठ के समक्ष सोमवार को उल्लेख किया गया। उच्च न्यायालय ने मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया है। इससे पहले 30 नवंबर को एक विशेष अदालत ने मामले में मलिक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस साल फरवरी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक को गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत में हैं और अभी उनका यहां के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। विशेष अदालत के न्यायाधीश आर. एन. रोकडे ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि प्रथमि दृष्टया हसीना पारकर (इब्राहिम की बहन), सलीम पटेल (इब्राहिम के कथित सहयोगी) और मलिक के बीच मुनिरा प्लंबर और उनकी मां मरियम गोवावाला के स्वामित्व वाली जमीन को हड़पने के लिए ‘‘साजिश’’ के सबूत मिले हैं।
मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले का मुख्य आरोपी है।
Money laundering case nawab malik reaches bombay high court for bail
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