चालू रबी मौसम में गेहूं और तिलहन फसलों की बुवाई का रकबा सालाना आधार पर 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। रबी सत्र में 25 नवंबर तक गेहूं की बुवाई का रकबा 10.50 प्रतिशत बढ़कर 152.88 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 138.35 लाख हेक्टेयर था। तिलहन का रकबा 25 नवंबर तक 13.58 प्रतिशत बढ़कर 75.77 लाख हेक्टेयर हो गया है। मुख्य रबी फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च-अप्रैल में शुरू होती है।
गेहूं के अलावा, चना और सरसों 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के रबी मौसम के दौरान उगाई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश (6.40 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (5.67 लाख हेक्टेयर), पंजाब (1.55 लाख हेक्टेयर), बिहार (1.05 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.78 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.74 लाख हेक्टेयर), और उत्तर प्रदेश (0.70 लाख हेक्टेयर) में गेहूं बुवाई के रकबे में बढ़ोतरी हुई है।
इस रबी सत्र में 25 नवंबर तक तिलहन का रकबा 13.58 प्रतिशत बढ़कर 75.77 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 66.71 लाख हेक्टेयर था। इसमें से उक्त अवधि के दौरान पहले के 61.96 लाख हेक्टेयर के मुकाबले सरसों की बुवाई 70.89 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। दालों के मामले में बुवाई का रकमा कुछ कम हुआ है। उक्त अवधि के दौरान पहले के 94.37 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार 94.26 लाख हेक्टेयर पर दलहन बुवाई की गई है।
मोटे अनाज की बुवाई 26.54 लाख हेक्टेयर में की गई, जो पहले 26.70 लाख हेक्टेयर में की गई थी। जबकि चावल की बुवाई 9.14 लाख हेक्टेयर में हुई जबकि पिछले साल की समान अवधि में 8.33 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। इस रबी सत्र में 25 नवंबर को सभी रबी फसलों के तहत कुल खेती का रकबा 7.21 प्रतिशत बढ़कर 358.59 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 334.46 लाख हेक्टेयर था।
More than 10 percent jump in sowing of wheat oilseeds so far
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