भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि शिक्षण एक पेशा ही नहीं बल्कि कला है जिसमें आप छात्रों को अनुशासित करके तराशते हैं। उन्होंने मशहूर तकनीक और शिक्षाविद प्रोफेसर के के अब्दुल गफ्फार की आत्मकथा के विमोचन के मौके पर यह बात कही। धोनी ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में प्रोफेसर गफ्फार की आत्मकथा ‘ अनजान साक्षी’ का विमोचन किया। दुबई स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ मारवान अल मुल्ला को किताब की पहली प्रति धोनी ने भेंट की।
इस मौके पर धोनी ने कहा ,‘‘ एक शिक्षक को अपने छात्रों को समझाने के लिये हर चीज सरल करनी होती है। हर छात्र का आई क्यू स्तर अलग होता है और आपको सभी को समझाना होता है। मुझे लगता है कि यह एक पेशा ही नहीं बल्कि कला है। इसमें आप छात्रों को अनुशासित करके उनके मजबूत और कमजोर पक्ष बताते हैं। मैं हमेशा से अपने स्कूल के शिक्षकों का बड़ा प्रशंसक रहा हूं।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं कभी कॉलेज नहीं गया लेकिन मुझे लगता है कि मैने जीवन में अच्छा ही किया।’’ धोनी अपने करीबी मित्र डॉक्टर शाजिर गफ्फार के पिता की आत्मकथा के विमोचन के लिये खास तौर पर रांची से यहां आये थे।
Ms dhoni said teaching is not just a profession it is an art
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