तत्कालीन हैदराबाद रियासत के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान के पोते मुकर्रम जाह का शनिवार को तुर्किये के इस्तांबुल शहर में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। जाह के कार्यालय द्वारा रविवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई। वर्ष 1933 में पैदा हुए मुकर्रम जाह तुर्किये चले गए थे और वहीं रह रहे थे। उनका पार्थिव शरीर 17 जनवरी को भारत लाया जाएगा। बयान में कहा गया, ‘‘हमें यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि हैदराबाद के आठवें निजाम नवाब मीर बरकत अली खान उर्फ मुकर्रम जाह बहादुर का बीती रात साढ़े 10 बजे इस्तांबुल, तुर्किये में निधन हो गया।’’
बयान में कहा गया कि अपनी मातृभूमि में दफनाए जाने की उनकी इच्छा के अनुसार, मुकर्रम जाह के बच्चे 17 जनवरी को पार्थिव शरीर के साथ हैदराबाद पहुंचेंगे। इसमें कहा गया कि जाह को उनके पारिवारिक मकबरे में दफनाया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने जाह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
शिक्षा और गरीबों को दवाइयां उपलब्ध कराने के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के मद्देनजर राव ने जाह को राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक करने का निर्देश दिया। मुकर्रम जाह का जन्म मीर हिमायत अली खान उर्फ आजम जाह बहादुर के घर हुआ था, जो हैदराबाद रियासत के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के पुत्र थे। हैदराबाद रियासत का वर्ष 1948 में भारतीय संघ में विलय हो गया था।
Mukarram jah grandson of the last nizam of the princely state of hyderabad died in turkey
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