मुंबई पुलिस ने अपने तीन निलंबित अधिकारियों को बहाल कर दिया है जिन्हें इस साल के शुरू में आंगडिया से उगाही करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी। अधिकारी ने बताया कि बहाल किए गए पुलिस अधिकारियों में निरीक्षक ओम वंगाटे, सहायक पुलिस निरीक्षक नितिन कदम और पुलिस उप निरीक्षक समाधान जामदादे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस कमिश्नरी स्तर पर हुई पुलिस प्रतिष्ठान बोर्ड की एक समीक्षा बैठक में उन्हें बहाल करने का फैसला किया गया।
इस मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के निलंबित अधिकारी सौरभ त्रिपाठी फरार हैं। वह घटना के वक्त पुलिस उपायुक्त (जोन- दो)थे। पुलिस ने अपराध में संलिप्तता के आरोप में तीन पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया था। उन्हें पुलिस बल से निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ एक जांच शुरू की गई थी। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने मामले में आरोपपत्र दायर करके दिया था जिसके बाद तीनों को अदालत से जमानत मिल गई।
अधिकारी ने बताया कि निलंबन के बाद अधिकारियों को 50 प्रतिशत वेतन मिल रहा था और निलंबन के तीन महीने पूरे होने के बाद उन्हें 75 प्रतिशत वेतन मिलने लगा था। उन्होंने कहा, चूंकि मुंबई पुलिस बल में पहले से ही कर्मचारियों की कमी है, इसलिए उन्हें बल में बहाल करने का निर्णय लिया गया। अधिकारी ने कहा कि तीनों को गैर- प्रवर्तक तैनाती दी गई है और उन्हें स्थानीय शस्त्र विभाग में भेजा गया है, जहां उन्हें बंदोबस्त की ड्यूटी दी जाएगी।
आंगडिया पारंपरिक कोरियर होते हैं जो व्यापारियों द्वारा भेजे गए नकद को एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाते हैं। आंगडिया व्यवस्था का मुख्यत: इस्तेमाल ज़ेवरात के कारोबार में होता है। दक्षिण मुंबई में आंगडिया एसोसिएशन ने पिछले साल दिसंबर में एक शिकायत देकर आरोप लगाया गया था कि सौरभ त्रिपाठी ने उनसे व्यवसाय सुचारू रूप से चलाने देने के लिए रिश्वत के रूप में प्रतिमाह 10 लाख रुपये की मांग की थी।
वंगाटे, कदम और जामदादे सभी लोकमान्य तिलक मार्ग थाने में तैनात थे। त्रिपाठी के एक घरेलू सहायक को बाद में इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। आंगडिया की ओर से दी गई शिकायत के अनुसार, आरोपी अधिकारियों ने दिसंबर में कई बार उन्हें धमकी देकर उनसे कथित तौर पर नकद राशि की उगाही की थी।
Mumbai police reinstates three suspended personnel in extortion case
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