दिल्ली नगर निगम चुनाव में कई वार्डों में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में पुरानी दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम रहने के आसार हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी में मुसलमानों की आबादी करीब 13 फीसदी है। कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय से 24 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि यहां सत्तारुढ़ आम आम आदमी पार्टी (आप) ने सात और भारतीय जनता पार्टी ने चार मुस्लिम चेहरों पर भरोसा जताया है।
दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व अध्यक्ष अली मेहदी ने दावा किया कि कांग्रेस अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि समुदाय किसी भी अन्य दलों की तुलना में "कांग्रेस पर अधिक भरोसा करता है"। मेहदी ने कहा, “दिल्ली दंगे हों या जहांगीरपुरी हिंसा, कांग्रेस हमेशा से अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर मुखर रही है। हमने अल्पसंख्यक समुदाय के 24 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है और हमें यकीन है कि पार्टी अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में जीत हासिल करेगी।” उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने मुस्तफाबाद, सीलमपुर, ओखला, बाबरपुर, मटिया महल, लक्ष्मी नगर और कृष्णा नगर इलाकों से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को टिकट दिया है। मेहदी ने आरोप लगाया कि भाजपा और ‘आप’ ने दिल्ली में अल्पसंख्यकों की ‘उपेक्षा’ की है। उन्होंने कहा, “जहां भाजपा ने लोगों के बीच नफरत को हवा दी, वहीं ‘आप’ इस मुद्दे पर चुप रही और यहां तक कि उसने अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों से खुद को दूर कर लिया।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई मौकों पर शहर में सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने की दिशा में काम किया। कांग्रेस नेता ने कहा, “जब 2020 में दिल्ली में दंगे हुए तो हम उन तक पहुंचे। हमने कोविड लॉकडाउन के दौरान उनकी मदद की। वे हम पर अन्य दलों से ज्यादा भरोसा करते हैं।”
उधर, भाजपा ने निगम चुनावों में ‘पसमांदा’ (पिछड़े) मुसलमानों में से तीन महिलाओं सहित चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। दावेदारों में एक सामाजिक कार्यकर्ता, एक भावी वकील और एक कबाड़ व्यापारी शामिल हैं। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता यासिर गिलानी ने कहा कि भले ही पार्टी ने निगम चुनावों में कम संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, लेकिन जितने भी प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है उन सभी का अपने-अपने वार्ड में “मजबूत प्रभाव” है। गिलानी ने कहा, “हमने बहुत कम मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए हैं, लेकिन वे यह सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा को अल्पसंख्यक समुदाय का वोट मिले और उनके वर्चस्व वाली सीटों पर पार्टी को जीत हासिल हो।” भाजपा ने चांदनी महल से इरफान मलिक, कुरैश नगर से समीना राजा, चौहान बांगर से सबा गाज़ी और मुस्तफाबाद वार्ड से शबनम मलिक को मैदान में उतारा है। यह पूछे जाने पर कि भाजपा अपने पक्ष में मुस्लिमों को वोट करने के लिए कैसे राज़ी करेगी तो एक मुस्लिम उम्मीदवार ने कहा, “वक्त के साथ मुसलमानों की सोच बदल रही है। हिंदू-मुस्लिम से चिपके रहने की बजाय लोग अब सेवाओं की उपलब्धता और सरकार से फायदा लेने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’
दूसरी ओर, आप ने चार दिसंबर को होने वाले निगम चुनाव के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के सात उम्मीदवारों को टिकट दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले एक साल में अल्पसंख्यकों के मुद्दों के प्रति आप के रुख से अल्पसंख्यक समुदाय के वोट प्रभावित होंगे, एमसीडी चुनाव के लिए पार्टी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली का हर नागरिक आगामी चुनावों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को वोट देगा।
वहीं, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी एमसीडी चुनावों में दावेदार है और उसने शहर के कई मुस्लिम बहुल वार्ड में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। उल्लेखनीय है कि एमसीडी के 250 वार्ड के लिए चार दिसंबर को चुनाव होगा और सात दिसंबर को मतों की गिनती होगी।
- अपर्णा बोस
Muslim voters play a decisive role in delhi municipal corporation elections in many wards