म्यूचुअल फंड उद्योग पिछले साल के शानदार प्रदर्शन को वर्ष 2022 में दोहरा नहीं सका और पूरे साल बाजार में उतार-चढ़ाव रहने से उद्योग अपने संपत्ति आधार और निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी की रफ्तार बरकरार नहीं रख सका। हालांकि विश्लेषकों को उम्मीद है कि नया साल इस उद्योग के लिए अपेक्षाकृत बेहतर साबित होगा। म्यूचुअल फंड उद्योग वर्ष 2022 में धीमी गति से बढ़ा। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं और बढ़ती ब्याज दरों के कारण उद्योग के लिए हालात विपरीत रहे।
उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन-अधीन संपत्ति (एयूएम) में सात प्रतिशत या 2.65 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। इससे पहले वर्ष 2021 में उसके एयूएम में लगभग 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। नियो के रणनीति प्रमुख स्वप्निल भास्कर ने कहा कि 2023 में म्यूचुअल फंड उद्योग की वृद्धि मौजूदा रुझान के अनुरूप ही रहने की उम्मीद है और 2023 के अंत में एयूएम के लगभग 44 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।
हालांकि, एम्फी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एन एस वेंकटेश का मानना है कि 2023 में उद्योग 16-17 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग को भारत की वृद्धि संभावनाओं और आगामी बजट घोषणाओं से समर्थन मिलेगा। मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के शोध प्रबंधक एवं निदेशक कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्योग को अगले साल निवेशकों के बीच एक बेहतर निवेश विकल्प के तौर पर म्यूचुअल फंड के बारे में बढ़ती जागरुकता का फायदा मिल सकता है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर तक म्यूचुअल फंड उद्योग का आकार 40.37 लाख करोड़ रुपये हो चुका है जो इसका सर्वोच्च स्तर है। वर्ष 2021 के अंत में यह उद्योग 37.72 लाख करोड़ रुपये था जबकि वर्ष 2020 में इसका आकार 31 लाख करोड़ रुपये था।
Mutual funds see muted 2022 expect better days in new year
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