उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के सीमावर्ती शहर धारचूला में नेपाल की ओर से किये गए पथराव में चार ट्रकों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए और उनके चालकों को खुद को बचाने के लिए काली नदी में कूदना पड़ा। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी। सिंचाई विभाग के एसडीओ फरहान अहमद ने कहा, ‘‘शुक्रवार को नेपाल की ओर से एक बार फिर भारतीय श्रमिकों पर हमला किया गया।’’ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पिछले कुछ दिनों में काली नदी के किनारे सुरक्षा दीवार बनाने में लगे भारतीय कामगारों के खिलाफ सीमा पार से ऐसे कई हमले किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पथराव में दो डंपर और दो टिपर ट्रकों के शीशे टूट गए और ये पथराव गुलेल से किया गया। दोनों देशों के बीच बहने वाली काली नदी के किनारे धारचूला में सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। नेपाल में कुछ तत्व इसके निर्माण का विरोध कर रहे हैं और निर्माणस्थल पर काम को बाधित करने के लिए भारतीय श्रमिकों पर पथराव कर रहे हैं। अहमद ने कहा, ‘‘अगर प्रशासन इस तरह की घटनाओं को नहीं रोकता है तो काम जारी रखना मुश्किल होगा।’’
धारचूला एसडीएम दिवेश शाशनी ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को घटना की जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाएं होती हैं तो भारतीय अधिकारी अपने नेपाली समकक्षों के साथ इस मामले को उठाएंगे। धारचूला के निवासियों ने कहा कि जब नेपाल अपनी तरफ सुरक्षा दीवार बना रहा था तो भारत की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया था लेकिन नेपाली विरोधी तत्वों ने शुक्रवार तक 11वीं बार काम रोक दिया था। धारचूला नगर पालिका पार्षद प्रेमा कुटियाल ने कहा, ‘‘वे हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। अगर ऐसी घटनाएं जारी रहती हैं, तो हमें नेपाली नागरिकों को भारत में प्रवेश करने से रोकने के लिए काली पर सीमा पुल को बंद करना होगा।
Nepal locals pelt stones at workers in pithoragarh
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