बेंजामिन नेतन्याहू ने बृहस्पतिवार को इजराइल के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इजराइल में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले 73 वर्षीय नेतन्याहू ने अपने नेतृत्व वाली छठी सरकार का गठन किया है जिसमेंकई धुर दक्षिणपंथी घटक दल शामिल हैं। नेतन्याहू को इजराइली संसद ‘नेसेट’ के 120 सदस्यों में से 63 का समर्थन प्राप्त है जो सभी दक्षिणपंथी हैं। सदन में नेतन्याहू के खिलाफ 54 सांसदों ने मतदान किया। उनको समर्थन करने वालों में अति कट्टरपंथी शास द्वारा समर्थित उनकी लिकुद पार्टी, यूनाइटेड तोरा जुदैज्म, दक्षिणपंथी ओत्ज्मा येहुदित, रिलिजियस जियोनिस्ट पार्टी और नोआम शामिल हैं।
अनेक लोगों ने आशंका जताई है कि नेतन्याहू के नेतृत्व में बने इस समीकरण से देश की आबादी के बड़े हिस्से की सरकार के साथ असहमति हो सकती है। इजराइल की 37वीं सरकार के विश्वासमत प्राप्त करने से महज कुछ समय पहले नेसेट ने लिकुद पार्टी के सांसद अमीर ओहाना को नया अध्यक्ष (स्पीकर) चुना। पिछली सरकारोंमें न्यायमंत्री और जन सुरक्षा मंत्री रह चुके ओहाना नेसेट के पहले घोषित समलैंगिक स्पीकर हैं। नयी सरकार के शपथ-ग्रहण से पहले नेसेट में अपने संबोधन में नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार के तीन ‘राष्ट्रीय लक्ष्य’ ईरान को परमाणु आयुधों की ओर बढ़ने से रोकना, पूरे देश में बुलेट ट्रेन चलाना और अब्राहम समझौतों के दायरे में और अधिक अरब देशों को लाना हैं।
नेतन्याहू के भाषण के दौरान विपक्षी सदस्य बार-बार टोका-टोकी कर रहे थे और उन्हें ‘कमजोर’ तथा ‘नस्लवादी’ कह रहे थे। हंगामे के बीच नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मतदाताओं के जनादेश का सम्मान कीजिए। यह लोकतंत्र का या देश का अंत नहीं है।’’ उन्होंने देश के नागरिकों की निजी सुरक्षा में सुधार करने और जीवनस्तर के बढ़ते खर्च को कम करने का वादा किया। इस दौरान अनेक विपक्षी सांसदों को सदन से निष्कासित कर दिया गया। नेतन्याहू ने 31 मंत्रियों और तीन उप मंत्रियों की नियुक्ति की घोषणा की है। रक्षा, शिक्षा और कल्याण मंत्रालय में दो-दो मंत्री एक साथ काम करेंगे। मंत्रियों के रूप में केवल पांच महिलाए हैं।
नेतन्याहू के सरकार बनाने की घोषणा करने के बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री येर लापिद ने अपने संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती और गठबंधन सहयोगी नाफ्ताली बेनेट की भी उपलब्धियां गिनाईं। लापिद ने कहा, ‘‘हम आपको अच्छी हालत में सरकार सौंप रहे हैं। इसे बर्बाद करने की कोशिश मत कीजिए। हम जल्द ही लौटेंगे।’’ उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में पहले कहा था कि आने वाली सरकार को गिराने के लिए संघर्ष करते रहेंगे और वापसी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह अंत नहीं, हमारे प्यारे देश के लिए संघर्ष की शुरुआत है।
गत एक नवंबर को हुए चुनाव में नेतन्याहू के नेतृत्व में दक्षिणपंथियों की अगली सरकार बनने के स्पष्ट जनादेश के बावजूद, गठबंधन सहयोगियों में अंतिम समय तक बातचीत चलती रही। नेसेट ने सरकार बनाने वाले गठबंधन के सहयोगी दलों द्वारा प्रस्तुत कानूनों को पारित किया और शास पार्टी के नेता आर्येह देरी के मंत्री बनने का रास्ता साफ किया जबकि वह पिछले दिनों एक मामले में दोषी ठहराये गये हैं। इस बीच फलीस्तीनी प्राधिकार (पीए) ने आगामी इजराइली सरकार के पश्चिमी तट पर बस्तियों का विस्तार करने के एजेंडे की आलोचना की और इसे ‘खतरनाक’ करार दिया।
पीए अध्यक्ष महमूद अब्बास के प्रवक्ता नाबिल अबू रुदीनेह ने कहा, ‘‘ये दिशानिर्देश खतरनाक तरीके से टकराव बढ़ाने वाले हैं और इसका असर क्षेत्र पर दिखाई देगा।’’ यरूशल में नेसेट के बाहर सैकड़ों इजराइलियों ने नयी बनने जा रही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की संख्या दिन ढलने के साथ हजारों में पहुंच गई। मध्यमार्गी व वामपंथी संगठनों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया।
Netanyahu sworn in as israels new prime minister
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