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विश्व कप में जर्मनी के विरोध के तरीके का अनुकरण नहीं करेगा नीदरलैंड

विश्व कप में जर्मनी के विरोध के तरीके का अनुकरण नहीं करेगा नीदरलैंड

विश्व कप में जर्मनी के विरोध के तरीके का अनुकरण नहीं करेगा नीदरलैंड

नीदरलैंड के खिलाड़ियों के इक्वाडोर के खिलाफ शुक्रवार को होने वाले विश्व कप मैच से पहले मेजबान देश कतर के मानवाधिकार रिकॉर्ड के विरोध स्वरूप जर्मनी की तरह कोई भावभंगिमा दिखाने की उम्मीद नहीं है। जर्मनी के खिलाड़ियों ने बुधवार को फुटबॉल विश्व कप में टीम के पहले मैच से पूर्व तस्वीर खींचे जाने के दौरान अपने चेहरे ढक लिए थे जो मेजबान देश कतर में भेदभाव का विरोध करने के लिए ‘वन लव’ आर्मबैंड (बांह पर पट्टी बांधना) पहनने की योजना पर फीफा के कड़े रुख की निंदा का तरीका था।

सात यूरोपीय टीमों ने यह आर्मबैंड पहनने की योजना बनायी थी जिसमें नीदरलैंड और जर्मनी शामिल थीं। समलैंगिकता को अपराध बताने वाले कानूनों और प्रवासी मजदूरों के साथ बर्ताव के कारण कतर की काफी आलोचना हो रही है। नीदरलैंड के डिफेंडर डेंजेल डमफ्राइस ने कहा कि खिलाड़ी शुक्रवार को मैदान पर ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने कुछ प्रवासी मजदूरों से मिलकर काफी कुछ कर दिया है।

डमफ्राइस ने गुरूवार को दुभाषिये के जरिये कहा, ‘‘नहीं, नहीं।जैसा कि कोच ने कहा कि हमने काफी प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की जो हमारे और उनके लिये काफी अच्छा समय रहा। पिछले दो हफ्तों में हमने काफी (मानवाधिकारों के बारे में) बात की। हमें जो कुछ कहना था, हम कह चुके हैं और अब से हमें सिर्फ फुटबॉल पर ध्यान देने की जरूरत है। ’’

नीदरलैंड के कोच लुई वान गाल ने कहा कि उनकी टीम मैदान पर किसी भी तरह से विरोध नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले गुरूवार को सभी राजनीतिक मुद्दों पर पूर्णविराम लगा दिया जब हमने प्रवासी मजदूरों को आमंत्रित किया। अभी तक जो हुआ वो मानवाधिकारों के बारे में ही था और शायद सही भी था और शायद नहीं भी। लेकिन मुझे लगता है कि यह काफी हो गया। ’’ जर्मनी के खिलाड़ियों का चेहरा ढकने की प्रतिक्रिया फीफा की सात यूरोपीय संघों को चेतावनी पर प्रतिक्रिया थी जिसमें उसने कहा था कि समावेश और विविधता के प्रतीक के रूप में रंगीन ‘वन लव’ आर्मबैंड पहनने पर खिलाड़ियों को दंडित किया जाएगा। इन सात टीम के कप्तानों ने आर्मबैंड पहनने की योजना बनाई थी।

Netherlands will not follow germanys way of protesting at the world cup

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