Prabhasakshi NewsRoom: नीतीश ने कहा- भाजपा को उखाड़ फेंकूंगा, सुशील मोदी ने किया पलटवार
नीतीश कुमार बरसों तक भाजपा के साथ रहे। भाजपा ने उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया, बार-बार बिहार का मुख्यमंत्री बनाया लेकिन नीतीश कुमार ने बार-बार भाजपा का साथ छोड़ा और अब तो उन्होंने संकल्प लिया है कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाना है। नीतीश कुमार ने जनता दल युनाइटेड के अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हम सारी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करेंगे और मिलकर भाजपा को हरायेंगे। अब नीतीश ने भाजपा को हटाने का संकल्प तो ले लिया है लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि ऐसा ही संकल्प पिछली बार ऐन चुनावों के समय भाजपा का साथ छोड़ कर आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लिया था। लेकिन चुनावों में उनकी खुद की जमीन ऐसी खिसकी कि वह कहीं के नहीं रहे।
बहरहाल, हम आपको बता दें कि पार्टी का यह अधिवेशन ऐसे समय हुआ है जब सत्तारुढ़ पार्टी महीने भर के अंदर दो विधानसभा उपचुनाव हार गयी है। नीतीश कुमार को इस अधिवेशन में पार्टी को आगे बढ़ाने की बात करनी चाहिए थी लेकिन वह अतीत की बातों को उठाते दिखे। अतीत की भी वह बातें उठाईं गईं जिनके कोई सुबूत नहीं हैं। मसलन नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2020 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन में होने के बावजूद जनता दल-यूनाइटेड के खिलाफ काम किया और कोशिश की कि उसके उम्मीदवारों की हार हो।
बिहार विधानसभा के 2020 में हुए चुनावों में जदयू के खराब प्रदर्शन का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि भाजपा ने इससे पहले “हमसे ज्यादा सीटें कभी नहीं जीतीं थी, चाहे 2005 हो या 2010। हमारे सभी उम्मीदवारों, चाहे वे जीते हों या हारे हों, उन्होंने बाद में मुझसे शिकायत की कि भाजपा ने हमारी हार सुनिश्चित करने की कोशिश की।”
गौरतलब है कि जदयू आरोप लगाती रही है कि भाजपा ने तब लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख चिराग पासवान की मदद से विधानसभा चुनाव में बढ़त हासिल करने के लिए साज़िश रची थी। पासवान ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। कुमार ने कहा कि वह फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन भाजपा के आग्रह पर पद स्वीकार करने पर सहमत हुए थे। हाल में हुए कुढ़नी विधासभा उपचुनाव में भाजपा के हाथों शिकस्त खाने का परोक्ष हवाला देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, ''ऐसा लगता है कि वे उस एक जीत से बेहद खुश हैं। उन्हें पहले की दो हार और दूसरे राज्यों में मिली पराजय क्यों याद नहीं है?" वह इस साल के शुरू में हुए बोचहां और मोकामा उपचुनाव में भाजपा की हार का जिक्र कर रहे थे।
कुमार ने कहा, ''उनको 2024 में पता चलेगा।” उन्होंने यह भी दोहराया कि “उनका (भाजपा का) विरोध करने वाले सभी दल साथ आ जाएं। अगर उनमें से अधिकतर एक साथ आ जाएं तो भी प्रचंड बहुमत की गारंटी होगी। विचार किसी तथाकथित तीसरे मोर्चे का नहीं है। यह मुख्य मोर्चा होगा।” कुमार ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को विशेष दर्जा देने की उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया और कहा कि मोदी ऐसे राज्य (गुजरात) से आते हैं जो ब्रिटिश शासन के वक्त से ही समृद्ध है।
समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन, संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी सहित अन्य नेता शामिल हुए। ललन ने आरोप लगाया कि देश में मौजूदा शासन ने आपातकाल के दौरान "अधिनायकवाद" (तानाशाही) और संवैधानिक संस्थानों के खुले दुरुपयोग की याद दिला दी। उन्होंने देश के अन्य हिस्सों, खासकर पूर्वोत्तरी राज्य नगालैंड के पार्टी कार्यकर्ताओं से जदयू को "राष्ट्रीय पार्टी" बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। ललन ने कहा, ''हमें राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए सिर्फ एक और राज्य में पहचान बनाने की जरूरत है। हम पिछली बार नगालैंड में महज 0.4 फीसदी से पीछे रह गए थे। हमें अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनावों में जरूरी कदम उठाने चाहिए।”
कुशवाहा ने कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई और आरोप लगाया कि न्यायाधीशों के परिवार के सदस्यों को पीठ में नियुक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह उच्च न्यायपालिका में आरक्षण देने के प्रबल पक्षधर हैं। उन्होंने 2024 में नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने और लाल किले पर तिरंगा फहराने की उम्मीद भी जताई। त्यागी ने कुमार को "देश का एकमात्र नेता बताया जो सीबीआई या ईडी से डरे बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों में आंखें डालकर देख सकता है।” त्यागी ने कहा, "अगर नीतीश कुमार दिल्ली जाते हैं, तो वे केवल छह महीने में वह हासिल कर लेंगे जो दूसरे कई सालों में नहीं कर पाए।"
उधर, नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि भारत भाजपा मुक्त तो नहीं होगा, परंतु बिहार अवश्य 2024 आते-आते जदयू मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नीतीश की लोकप्रियता घटने से जदयू की दुर्गति हुई ना कि भाजपा ने कोई साजिश की। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अपनी पार्टी की हार का ठीकरा हम पर नहीं फोड़ें मुख्यमंत्री। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कुढ़नी, गोपालगंज ही नहीं, दिल्ली के बिहारियों ने भी जदयू को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता नीतीश के बूते से बाहर है क्योंकि वे जेपी नहीं हैं।
Nitish kumar attack bjp on jdu national executive meeting