Business

अधिकारियों ने कहा कि 2030 तक देश की कुल बिजली जरूरतों का 62 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा के लिए होगा

अधिकारियों ने कहा कि 2030 तक देश की कुल बिजली जरूरतों का 62 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा के लिए होगा

अधिकारियों ने कहा कि 2030 तक देश की कुल बिजली जरूरतों का 62 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा के लिए होगा

देश वर्ष 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा जरूरतों का करीब 62 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करेगा। यह लक्ष्य से 12 प्रतिशत अधिक है। बिजली मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अजय तिवारी ने शुक्रवार को कहा कि भारत पहले ही ऊर्जा जरूरतों का 42 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त कर रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर, 2022 की स्थिति के अनुसार देश में बिजली की कुल स्थापित क्षमता 4,09,000 मेगावॉट है। इसमें बड़ी पनबिजली परियोजना समेत 1,66,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता शामिल है।

उन्होंने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के दक्षिण एशिया (बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल) बिजली शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘बिजली क्षेत्र में वृद्धि की मौजूदा गति के साथ देश 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा जरूरतों का 62 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त कर सकता है। यह उस समय तक स्वच्छ ऊर्जा से 50 प्रतिशत ऊर्जा हासिल करने के लक्ष्य से अधिक है।’’ बिजली मंत्रालय के अनुसार, देश में बिजली उत्पादन क्षमता 2030 तक 8,20,000 मेगावॉट पहुंच जाने का अनुमान है। इसमें 5,00,000 मेगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य है।

तिवारी ने यह भी कहा कि भारत अधिक-से-अधिक देशों को शामिल करते हुए पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में आपस में जुड़े बिजली ग्रिड स्थापित करने के दृष्टिकोण की दिशा में सक्रियता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पास देश के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक बहुत मजबूत बिजली ग्रिड व्यवस्था है। भविष्य में हम चाहेंगे कि ग्रिड म्यामां, श्रीलंका सहित पड़ोसी देशों से जुड़े और हमारा लक्ष्य एक एकीकृत बाजार के रूप में उभरने के लिये उसका विस्तार दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों तक करने का है।’’ बिजली मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि भारत और नेपाल तथा भारत और भूटान के बीच सीमापार ग्रिड व्यवस्था को मजबूत करने के लिये इस संबंध में आपस में बातचीत जारी है।

Officials said clean energy to account for 62 of countrys total electricity needs by 2030

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero