वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार गैर-जरूरी वस्तुओं के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इनके आयात पर करीबी निगाह रखे हुए है। वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने यहां संवाददाताओं से कहा कि गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात पर रोक लगाने से देश का व्यापार घाटा कम करने में भी मदद मिलेगी। अप्रैल-नवंबर के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 198.35 अरब डॉलर हो गया है जो एक साल पहले की समान अवधि में 115.39 अरब डॉलर था। श्रीनिवास ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारतीय व्यापार को अब वैश्विक संदर्भ में देखे जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय निर्यात बहुत मजबूत दिख रहा है। अक्टूबर में निर्यात गतिविधियों में 16.65 प्रतिशत की गिरावट आई थी लेकिन नवंबर में यह 0.59 प्रतिशत की सपाट वृद्धि के साथ 31.99 अरब डॉलर रहा। श्रीनिवास ने कहा कि भारतीय निर्यात में वृद्धि के अधिक आकर्षक न दिखने के पीछे एक वजह उच्च तुलनात्मक आधार प्रभाव भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यात के लिए पिछला साल असाधारण था जब निर्यात अपने उच्चतम स्तर पर था। मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सभी संबद्ध मंत्रालयों एवं विभागों को मासिक रूप से आयात वृद्धि से जुड़ी जानकारी भेजी जाती है।
आयात पर नजर रखने के लिए ये मंत्रालय नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे जो वाणिज्य मंत्रालय के साथ तालमेल बनाएंगे। अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे सरकार की रणनीति गैर-जरूरी वस्तुओं की घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए आपूर्ति बाधाएं दूर करने की है ताकि उन वस्तुओं के आयात में कमी लाई जा सके। उन्होंने कहा, व्यापार घाटे पर दबाव होगा। सरकार आयात, खासकर गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात पर करीबी निगाह रखे हुए है।
Officials said close watch on import of non essential items
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