विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 0.35 प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज फिलहाल 0.7 प्रतिशत मजबूत चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि कल की छुट्टी के बावजूद भी मंडियों में सोयाबीन की आवक पांच लाख बोरी पर स्थिर बनी रही जबकि उम्मीद यह थी कि सोमवार को आवक बढ़ेगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार को कोटा प्रणाली की व्यवस्था को खत्म करना चाहिये। इससे आयात बढ़ेगा और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आयातित तेलों के दाम आधे के लगभग घट गये हैं और अब कोटा प्रणाली की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है क्योंकि जिस मंशा से इसे लाया गया था वह दाम अपने आप लगभग आधा टूट चुका है। कोटा प्रणाली समाप्त होने से स्थानीय तेलों का प्रसंस्करण भी बढ़ेगा और स्थानीय तेल मिलें भी चलेंगी जिससे देश में डीआयल्ड केंक (डीओसी) और खल की उपलब्धता बढ़ेगी। सूत्रों के मुताबिक, तेल-तिलहन वायदा कारोबार को सट्टेबाजी से मुक्त रखना जरूरी है और ऐसा करना देश को तेल-तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 7,020-7,070 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,460-6,520 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,150 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,435-2,700 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,125-2,255 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,185-2,310 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,600 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,700 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,600-5,700 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,410-5,460 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।
Oil and oilseeds prices firm up amid boom in foreign markets
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