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पसमांदा मुस्लिमों को जोड़ने के लिए भाजपा की योजना जानकर अन्य दल हैरान रह जाएंगे

पसमांदा मुस्लिमों को जोड़ने के लिए भाजपा की योजना जानकर अन्य दल हैरान रह जाएंगे

पसमांदा मुस्लिमों को जोड़ने के लिए भाजपा की योजना जानकर अन्य दल हैरान रह जाएंगे

2024 लोकसभा चुनावों तथा उससे पूर्व जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू का दिया है। इसी कड़ी में जब हैदराबाद में आयोजित भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदा मुस्लिम समाज की चर्चा की और स्नेह यात्रा निकालने की बात कही तबसे भाजपा और पसमांदा मुस्लिम समाज के संबधों की चर्चा जोर पकड़ रही है। अब पसमांदा समाज को अपनी ओर मोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश भाजपा ने भी अपना अभियान तेज कर दिया है।
  
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि 2022 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद आजमगढ़ और रामपुर जहां 50 प्रतिशत मुस्लिम आबादी रहती है वहां पर पसमांदा मुस्लिम समाज के 8 प्रतिशत लोगों ने भाजपा को अपना मत दिया जिसकी वजह से पार्टी को सफलता मिली है। अब उसी फीडबैक के आधार पर भाजपा ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास की योजनाओं का सर्वाधिक लाभ मुस्लिम समाज को ही मिला है। कोरोना कालखंड में फ्री राशन योजना का 80 प्रतिशत, सब्सिडी वाले राशन से 51 प्रतिशत सहित स्वास्थ्य बीमा, खाते में पैसा डालने की योजना का लाभ सहित पसमांदा मुस्लिम समाज को सरकार की घर बनाने में मदद और लड़कियों की शादी में मदद तो मिल ही रही है वहीं रोजगार और कौशल विकास योजना में भी पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को लाभ मिला है। वहीं उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं का लाभ भी पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को मिल रहा है।

अब भाजपा पसमांदा मुस्लिम समाज के 4 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बल पर समाज में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए आगे बढ़ रही है और इस कड़ी में कई बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित कर रही है जिसमें पहला सम्मेलन लखनऊ में आयोजित किया गया। लखनऊ पसमांदा मुस्लिम समाज के सम्मेलन को देखकर ऐसा लगा कि विकास के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब सभी का विश्वास भी जीतने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। भाजपा आगामी निकाय चुनावों में मुस्लिम बहुल इलाकों में पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को अधिक से अधिक टिकट देने पर भी विचार कर रही है। लखनऊ में आयोजित सम्मेलन में कई ऐसे चेहरे थे जो आगामी चुनावों में टिकट के प्रबल दावेदार भी थे। लखनऊ में आयोजित पसमांदा बुद्धिजीवी सम्मेलन में गले में भगवा गमछा और सिर पर भगवा टोपी पहने पिछड़ा वर्ग के मुस्लिम समाज के लोग दोनों हाथ ऊपर उठाकर भारत माता की जय और वंदे मातरम के गगनभेदी नारे लगा रहे थे। सम्मेलन में पधारे पसमांदा मुस्लिम समाज के सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिना भेदभाव योजनाओं को लाभ दिये जाने से प्रसन्न दिखाई पड़े।

रामपुर से आए हाफिज लियाकत भाजपा के टिकट पर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। रामपुर से ही मोहम्मद रफी का कहना है कि रामपुर, आजमगढ़ लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिली जीत प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की तपस्या का प्रतिफल है। मुस्लिम समाज के सभी लोगों का मत था कि हम लोगों ने सभी दलों को देख लिया है जिन्होंने सिर्फ मुसलमानों को अपना वोटबैंक ही बनाया और काम निकलते ही भूल गये। सिर्फ चुनावों में ही मुसलमानों को दूसरे दल याद करते हैं। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बिना किसी भेदभाव के मुसलमानों को मुफ्त राशन, उज्ज्वला योजना और मुफ्त शौचालय आदि का लाभ दे रहे हैं। रामपुर से आए मुस्लिम नेताओं का कहना था कि आगामी 2024 चुनाव में भी रामपुर व आजमगढ़ जैसी सीटों पर कमल ही खिलेगा।

बरेली से आए अमीर अहमद का कहना था कि बेवजह मुसलमानों को भाजपा का खौफ दिखाया जाता है। साढ़े सात साल से केंद्र और साढ़े पांच वर्ष से यूपी में भाजपा की सरकार है, किस मुसलमान के साथ ज्यादती हुई। कांग्रेस, सपा, बसपा सहित अन्य सभी दल केवल मुसलमानों को डराती हैं। इसी प्रकार मोहम्मद तारिक व महमूद खान ने कहा कि भाजपा बेहिचक मुसलमानों को आगामी चुनावों में अपना प्रत्याशी बनाए। बुद्धिजीवी सम्मेलन को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह कही कि सिर्फ एक परिवार को जम्मू-कश्मीर का प्रिंस बनाने के लिए अनुच्छेद 370 लागू किया गया। पिछड़े मुसलमान आवाज न उठा सकें इसलिए कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में दे दिया गया। केंद्र की भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर बड़ा काम किया है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में नौ सीटें पसमांदा समाज के लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं। अब पंचायत चुनाव में भी ओबीसी मुस्लिमों को आरक्षण देने की तैयारी है। अगर कोई यह कहे कि इस्लाम व मुसलमान खतरे में है तो इसे सिर्फ बकवास समझकर नजरअंदाज करना होगा।

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राज्यसभा सदस्य का मत है कि विरोधी दलों ने मुस्लिम समाज को अपने जलसे में सिर्फ सजावटी सामान बनाकर दिखाया। वोट लिया और उन्हें भूल गये। सम्मेलन को उप्र के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने भी संबोधित किया। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पसमांदा समाज ने भाजपा को वोट देकर मजबूत किया और पार्टी ने उन्हें मंत्री बनाया। अब आगे निकाय चुनावों में भी बड़ी जिम्मेदारी है जिसमें पिछड़े मुसलमानों को पार्टी बड़ी संख्या में टिकट देगी। पसमांदा मुसलमान भाजपा की रणनीति में हमेशा रहे हैं लेकिन अब भाजपा नेतृत्व की उन पर विशेष नजर है।

आंकड़ों के हिसाब से यह वोट बैंक लोकसभा की सौ से अधिक सीटों पर अपना प्रभाव रखता है। उप्र की 80 में से लगभग 30 संसदीय सीटों पर पसमांदा मुस्लिम समाज का सीधा प्रभाव पड़ता है। भाजपा ने साढ़े चार करोड़ से अधिक पसमांदा मुस्लिम समाज के वोट बैंक को अपने पक्ष में सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की है जिसमें केंद्र व राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समुदाय के निचले पायदान तक पहुंचाया जाएगा तथा उनके साथ सीधा संवाद भी स्थापित किया जाएगा। जिन जगहों पर पार्टी बहुमत में है वहां पर उन्हें पार्टी इकाइयों में जगह दी जाएगी। भाजपा ने पसमांदा समुदाय से आने वाले आने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद को सम्मानित करने और उनकी जयंती पर समारोह आयोजित करने की भी योजना बनाई है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम समाज के यूपी अध्यक्ष वसीम राइन का कहना है कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पसमांदा समाज के लिए बहुत कुछ बोला है।

निर्णायक भूमिका वाले पसमांदा समाज में अंसारी, सैफी, मलिक, कुरैशी, राइनी, तुर्क, फारूकी और मंसूरी शामिल हैं। प्रदेश की 30 लोकसभा सीटों पर पसमांदा समाज निर्णायक भूमिका अदा करता है। सहारनपुर में डेढ़ लाख, मेरठ में एक लाख तीस हजार, गाजियाबाद में 80 हजार, मुरादाबाद में 90 हजार, रामपुर और अमरोहा में भी पसमांदा मुस्लिम समाज का वोट बैंक अच्छा खासा है। यही कारण है कि अब भाजपा ने अति पिछड़े पसमांदा मुस्लिम समाज को अपने साथ लाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

यही कारण है कि पसमांदा मुस्लिम समाज को रिझाने के लिए उत्तर प्रदेश में उच्च जाति के मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा को हटाकर पसमांदा समाज के दानिश आजाद अंसारी को मंत्री बनाया गया है। पसमांदा मुस्लिम समाज के नेताओं की सरकार से सबसे बड़ी मांग यह रही है कि उन्हें भी एससी में शामिल किया जाए और आरक्षण की सुविधाओं का लाभ दिया जाये। सच्चर कमेटी ने भी दलित पसमांदा को एससी में शामिल करने का सुझाव दिया था। भाजपा ने जिस प्रकार से पसमांदा मुस्लिम समाज की ओर ध्यान देना शुरू किया है उससे प्रतीत हो रहा है कि आगामी समय में भाजपा उनकी यह मांग भी पूरी कर चुनावी रणनीतिकारों को हैरान कर सकती है। अगर भाजपा सरकार ने दलित व अति पिछड़े पसमांदा समाज को आरक्षण का लाभ दे दिया तब उसका देश की 190 लोकसभा सीटों पर असर पड़ सकता है। वैसे भी आज का भाजपा नेतृत्व अपनी रणनीति को अंतिम रूप देते समय कई बार चौंका भी चुका है।

उप्र के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का कहना है कि कांग्रेस व सपा जैसे दलों ने मुसलमानों को गुमराह किया लेकिन विकास नहीं किया। अलीगढ़ में एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि ये जरूरी नहीं कि मुस्लिम संघ से जुड़ने के लिए जय श्री राम बोलें।

भाजना व संघ का मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने के अभियान का असर इससे समझा जा सकता है कि अभी जब पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा था उस समय कई मुस्लिम संगठनों ने कार्यवाही का समर्थन किया था जिसके कारण सेकुलर दलों की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की हवा निकल गई थी और प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भड़काऊ साजिशें बेकार हो गई थीं।

-मृत्युंजय दीक्षित

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