आचार संहिता उल्लंघन के दो मुकदमों में राज्यमंत्री संजय गंगवार को सजा
National आचार संहिता उल्लंघन के दो मुकदमों में राज्यमंत्री संजय गंगवार को सजा

आचार संहिता उल्लंघन के दो मुकदमों में राज्यमंत्री संजय गंगवार को सजा उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना एवं चीनी राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार को आचार संहिता के उल्लंघन के दो मामलों में दोषी करार देते हुए यहां की एक अदालत ने शनिवार को तीन-तीन माह के साधारण कारावास और दो-दो हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। अदालत ने गंगवार को एक अन्य मामले में दोषमुक्त कर दिया है। आचार संहिता के उल्लंघन के दो अलग-अलग मुकदमों में सजा सुनाए जाने के साथ ही अदालत में मौजूद राज्य मंत्री गंगवार को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद गंगवार की जमानत अर्जी पर विचार करते हुए उनको रिहा किए जाने का आदेश दिया गया। यह फैसला सांसद-विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) की विशेष न्यायाधीश प्रियंका रानी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन के अनुसार, तीनों मुकदमे वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुए थे जब गंगवार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर पीलीभीत की सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। पहली प्राथमिकी थाना सुनगढ़ी मेंउपनिरीक्षक विनय कुमार सरोज की ओर से दर्ज कराई गई थी, जिसमें बताया गया था कि चार जनवरी 2012 को वह आदर्श आचार संहिता का अनुपालन कराने के लिए दौरे पर थे।

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प्रधानमंत्री मोदी रविवार को पूर्वोत्तर के दो राज्यों में परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे
National प्रधानमंत्री मोदी रविवार को पूर्वोत्तर के दो राज्यों में परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी रविवार को पूर्वोत्तर के दो राज्यों में परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए रविवार को मेघालय और त्रिपुरा का दौरा करेंगे। वह बैठकों की अध्यक्षता और रैलियों को संबोधित करने के अलावा पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के स्वर्ण जयंती समारोहों में भी हिस्सा लेंगे। दोनों राज्यों में अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री मेघालय की राजधानी शिलॉंग में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के एक परिसर और अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे उनके यहां पहुंचने की उम्मीद है। वह परिषद की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद राज्य सभागार भवन में एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित एनईसी के सदस्यों, अन्य केंद्रीय मंत्री और पूर्वोत्तर के सांसद कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-को बताया कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री पिछले 50 वर्षों में पूर्वोत्तर की विकास यात्रा के प्रति परिषद के योगदान का उल्लेख करने वाला एक स्मारक ‘जर्नल’ जारी करेंगे। मोदी बाद में शिलॉंग के पोलो मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। अधिकारी ने बताया कि जनसभा में करीब 10,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जिस स्थान पर रैली को संबोधित करेंगे, उसे ड्रोन उड़ान वर्जित क्षेत्र घोषित किया गया है। पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों की प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। त्रिपुरा में, प्रधानमंत्री के दोपहर दो बजकर 25 मिनट पर महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डा पहुंचने की उम्मीद है। पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिलाधिकारी देबप्रिय बर्धन ने बताया कि इसके बाद प्रधानमंत्री अगरतला में विवेकानंद मैदान जाएंगे, जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वह एक रैली को संबोधित करेंगे। बर्धन ने कहा कि मोदी कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, वह केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि रैली में राज्यभर से लोगों को लाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को रैली स्थल तक लाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। बर्धन के मुताबिक, रैली के बाद मोदी शाम करीब चार बजे राज्य अतिथि गृह जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के मंत्रियों और भाजपा की कोर कमेटी के सदस्यों के साथ अलग से बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री राज्य से शाम करीब सवा पांच बजे रवाना होंगे। त्रिपुरा में, भाजपा नीत सरकार ने अगरतला में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों से रैली में हिस्सा लेने का अनुरोध किया है। बर्धन ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि 18 दिसंबर को विवेकानंद मैदान में 72,000 लाभार्थी पहुंचेंगे। समूचे मैदान की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।’’ पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक शंकर देबनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी अलर्ट पर रखा गया है। देबनाथ ने बताया, ‘‘बीएसएफ और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के जवान सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं।

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जहरीली शराब त्रासदीः बिहार के दो अन्य जिलों में आठ और लोगों की मौत
National जहरीली शराब त्रासदीः बिहार के दो अन्य जिलों में आठ और लोगों की मौत

जहरीली शराब त्रासदीः बिहार के दो अन्य जिलों में आठ और लोगों की मौत बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब त्रासदी (जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी) के बाद अब प्रदेश के दो अन्य जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से आठ और लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से सारण से सटे सिवान जिले में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि बेगूसराय में दो अन्य लोगों की मौत हो गई। अपुष्ट खबरों में दावा किया गया है कि सारण जिले में अवैध रूप से बनी देशी शराब पीने से 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 के मौत की अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि हो सकी है।

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भाजपा ने बिलावल भुट्टो के खिलाफ प्रदर्शन किया, पुतला फूंका
National भाजपा ने बिलावल भुट्टो के खिलाफ प्रदर्शन किया, पुतला फूंका

भाजपा ने बिलावल भुट्टो के खिलाफ प्रदर्शन किया, पुतला फूंका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अत्यधिक ‘‘निंदनीय और अपमानजनक’’ टिप्पणी करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के खिलाफ यहां शनिवार को प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भुट्टो की टिप्पणी के खिलाफ गुजरात के विभिन्न हिस्सों में भी प्रदर्शन किया। भाजपा की उप्र इकाई के एक नेता ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पुतला भी फूंका। पार्टी प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने पीटीआई-को बताया, भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं ने उप्र भाजपा कार्यालय से अटल चौक (राज्य की राजधानी के हजरतगंज क्षेत्र में) तक एक जुलूस निकाला, और बिलावल भुट्टो के खिलाफ नारे लगाए। उप्र भाजपा प्रमुख भूपेंद्र सिंह चौधरी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पुतला भी जलाया। उन्होंने भुट्टो पर तंज कसते हुए कहा, वह (बिलावल भुट्टो) विदेश मंत्री नहीं, बल्कि विद्वेष मंत्री हैं। वहीं, पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के विदेश मंत्री भुट्टो द्वारा प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के बारे में दिया गया बयान बेहद आपत्तिजनक है। वह हमारे प्रधानमंत्री के बारे में कही गई बातें और अपना बयान वापस लें तथा 135 करोड़ लोगों (भारत के) से माफी मांगें। गुजरात के राजकोट, वडोदरा, गांधीनगर, बोटाद, महिसागर,गांधीनगर, जूनागढ़ और कई अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किये गये। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भुट्टो के खिलाफ नारेबाजी की और कुछ स्थानों पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पुतला भी फूंका। गांधीनगर में, प्रदेश भाजपा के युवा मोर्चा के अध्यक्ष प्रशांत कोराट ने पाकिस्तान और भुट्टो की निंदा करते हुए एक ज्ञापन राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंपा।

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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि शामली-बिजनौर में पीएसी की नई बटालियन स्थापित की जाएंगी
National मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि शामली-बिजनौर में पीएसी की नई बटालियन स्थापित की जाएंगी

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि शामली-बिजनौर में पीएसी की नई बटालियन स्थापित की जाएंगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि शामली और बिजनौर जिलों में प्रादेशिक सशस्त्र बल(पीएसी) की नई बटालियन स्थापित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन और महिला बटालियन की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है। पीएसी के स्थापना दिवस पर 35वीं वाहिनी पीएसी में आयोजित समारोह में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ, गोरखपुर, बदायूं में स्थापित की जाने वाली तीन महिला बटालियन में से प्रत्येक के लिए 1,262 पद स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 1029 पद, लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा के लिए 433 पद और नोएडा मेट्रो के लिए 381 पद भी राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र सरकार बल को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और पीएसी की 17 बाढ़ राहत कंपनियों के लिए मोटर बोट और उपकरणों की खरीद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए 645 प्लाटून कमांडर को यातायात उप निरीक्षकों के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त हो चुका है, जबकि 75 प्लाटून कमांडर तथा 301 प्रधान आरक्षकों को यातायात प्रशिक्षण हेतु भेजा गया है।

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जबलपुर में शाहरुख की फिल्म ‘डंकी’ के शूटिंग स्थल पर दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया
National जबलपुर में शाहरुख की फिल्म ‘डंकी’ के शूटिंग स्थल पर दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया

जबलपुर में शाहरुख की फिल्म ‘डंकी’ के शूटिंग स्थल पर दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया जबलपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल धुआंधार व भेड़ाघाट जलप्रपात पर शाहरुख खान को लेकर बनाई जा रही फिल्म ‘डंकी’ की शूटिंग की खबर मिलने पर कुछ दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने विरोध करने की कोशिश की। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि फिल्म की शूटिंग शुक्रवार को ही खत्म हो गयी थी और यहां तीन दिवसीय शूटिंग के दौरान सुपर स्टार खान सहित कोई भी मुख्य कलाकार मौजूद नहीं था। खान की आगामी फिल्म ‘पठान’ के एक गीत में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की वेशभूषा के रंग को लेकर हिंदू भावनाओं को आहत करने का दावा करते हुए बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों ने शुक्रवार को विरोध करने का कार्यक्रम बनाया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों ने शूटिंग स्थल पर पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा करने में असफल रहे। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उनमें से कुछ ने शूटिंग की अनुमति देने के लिए जबलपुर कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी की और बैरिकेड्स के साथ खड़े पुलिसकर्मियों को धक्का देने की कोशिश की। शहर की पुलिस अधीक्षक प्रियंका शुक्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि ‘‘ हमने संयम दिखाया। शूटिंग कार्यक्रम जबलपुर कलेक्टर की अनुमति से आयोजित किया गया था। शूटिंग शुक्रवार को ही पूरी हो गयी थी। प्रदर्शनकारियों ने शूटिंग रोकने की मांग को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।’’ इससे पहले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और कुछ अन्य लोगों ने फिल्म पठान के एक गाने में भगवा वेशभूषा पर आपत्ति जताई थी।

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पश्चिम बंगाल में जमीनी स्तर पर भाजपा को मजबूत करें, शाह ने पार्टी नेताओं से कहा
National पश्चिम बंगाल में जमीनी स्तर पर भाजपा को मजबूत करें, शाह ने पार्टी नेताओं से कहा

पश्चिम बंगाल में जमीनी स्तर पर भाजपा को मजबूत करें, शाह ने पार्टी नेताओं से कहा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से पंचायत चुनाव से पूर्व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित राज्य में पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने को कहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को यह जानकारी दी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शाह ने यहां आने के बाद राज्य के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की और कहा कि भाजपा को ‘टीएमसी के खिलाफ जनता के असंतोष’ का फायदा उठाना चाहिए। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में शाह की बैठक पर, टीएमसी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता जॉय प्रकाश मजूमदार ने दावा किया कि यह भाजपा की राज्य इकाई को बिखरने से बचाने का एक निरर्थक प्रयास था। घोष ने कहा, ‘‘अमित शाह जी पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति के बारे में चिंतित हैं कि कैसे टीएमसी नेताओं ने सार्वजनिक धन और केंद्रीय कोष का गबन किया है, स्कूलों में अयोग्य उम्मीदवारों को नौकरी देने के लिए रिश्वत ली है, हमारे कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। वह इस हालात का अंत देखना चाहते हैं।’’ प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख घोष ने कहा, ‘‘शाह जानते हैं कि लोग पश्चिम बंगाल में बदलाव चाहते हैं, लेकिन टीएमसी के हमलों और धमकियों का मुकाबला करने के लिए, भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से उनका मुकाबला करेगी।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने शुक्रवार रात घोष, प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और अन्य नेताओं के साथ आधे घंटे की बैठक की। क्या शाह ने नेताओं से अपने मतभेदों को दूर करने के लिए कहा, इस सवाल पर घोष ने कहा, ‘‘अमित-जी जानते हैं कि हम एकजुट हैं। कई बार लोगों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह एक परिवार में होता है। इस तरह के किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।’’ शाह शनिवार को राज्य सचिवालय में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की बैठक की अध्यक्षता करने यहां आए।

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पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के मामले में आरोप पत्र के लिए 30 दिन की मोहलत
National पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के मामले में आरोप पत्र के लिए 30 दिन की मोहलत

पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के मामले में आरोप पत्र के लिए 30 दिन की मोहलत मुंबई की एक अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में गिरफ्तार प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पांच सदस्यों के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के लिए महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते को शनिवार को 30 दिन की मोहलत दी। इन पांच व्यक्तियों समेत 20 लोगों को एटीएस ने इस साल सितंबर में राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी के तहत छापेमारी के दौरान पकड़ा गया था। जांच एजेंसी ने विशेष अदालत में याचिका दाखिल करके आरोप पत्र दायर करने के लिए 90 दिन की मोहलत मांगी थी। याचिका में दावा किया गया था कि जांच अब भी जारी है। हालांकि, न्यायाधीश ए.

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सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य की भी: गृह मंत्री
National सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य की भी: गृह मंत्री

सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य की भी: गृह मंत्री केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में मुख्यमंत्रियों को संकेत दिया कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ ही राज्यों की भी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाह की अध्यक्षता में यहां पश्चिम बंगाल सचिवालय में शनिवार को हुई 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की बैठक में अवैध घुसपैठ, सीमा पार से तस्करी और संवेदनशील भारत-बांग्लादेश सीमा से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। अधिकारी ने बताया कि 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्यों के बीच परिवहन सुविधाओं और जल-बंटवारे पर भी बातचीत हुई। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के उनके समकक्ष हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और ओडिशा के कैबिनेट मंत्री प्रदीप अमात शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, इस वर्ष की शुरुआत में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी के मद्देनजर उसकी भूमिका पर चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि जवाब में गृह मंत्री ने संकेत दिया है कि सीमा सुरक्षा में राज्य सरकारों की भी भूमिका है। बैठक में झारखंड-ओडिशा और बंगाल में माओवादी गतिविधियों के फिर से होने पर भी चर्चा हुई। यह निर्णय लिया गया कि नक्सल गतिविधियों को बेअसर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के समन्वय के लिए राज्य और केंद्र सरकार रेड जोन में माओवादी गतिविधियों पर वास्तविक समय की जानकारी एकत्र करेंगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पड़ोसी राज्यों से बंगाल में हथियारों की तस्करी की जा रही है और इस खतरे को रोकने के लिए समन्वित कदमों की जरूरत है। शाह परिषद के अध्यक्ष हैं। बैठक में उनके साथ गृह मंत्रालय के पांच अधिकारी थे। बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और दो घंटे से थोड़ा अधिक समय तक चली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के नवीन पटनायक शनिवार की बैठक में शामिल नहीं हुए। अधिकारी ने कहा कि बाद में शाह ने बंगाल की मुख्यमंत्री से सचिवालय की 14वीं मंजिल पर स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की। अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री यहां से शिलॉन्ग के लिए रवाना हो गए।

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एमवीए के घटक दलों ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला
National एमवीए के घटक दलों ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला

एमवीए के घटक दलों ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों ने शक्ति प्रदर्शन के तहत राज्य में एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ शनिवार को यहां हल्ला बोल विरोध मार्च निकाला और छत्रपति शिवाजी महाराज समेत प्रतिष्ठित हस्तियों के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की मांग की। एमवीए के घटक दलों शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने राज्यपाल की टिप्पणी तथा अन्य मुद्दों को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ अपने ‘हल्ला बोल’ प्रदर्शन के खत्म होने पर आयोजित रैली में यह मांग की। राकांपा प्रमुख शरद पवार, पार्टी नेता अजित पवार, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) में आयोजित रैली को संबोधित किया। रैली का समापन सीएसएमटी में हुआ। पैदल मार्च दोपहर के करीब भायखला में जे जे अस्पताल के पास एक कंपनी से शुरू हुआ था। इस अवसर पर अजित पवार ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र को बचाने के लिए राज्यपाल को हटाना चाहिए।’’ शरद पवार ने कहा कि राज्य की राष्ट्रीय हस्तियों का अपमान करने के लिए केंद्र को राज्यपाल कोश्यारी को हटाना चाहिए।

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गहलोत ने कहा- एक से बढ़कर एक काम किए, सरकार के खिलाफ माहौल नहीं है
National गहलोत ने कहा- एक से बढ़कर एक काम किए, सरकार के खिलाफ माहौल नहीं है

गहलोत ने कहा- एक से बढ़कर एक काम किए, सरकार के खिलाफ माहौल नहीं है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले चार साल में अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए एक से बढ़कर एक काम किए और हर वर्ग का ध्यान रखा। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि चार साल के बाद भी राज्य सरकार के खिलाफ कोई माहौल (एंटी इनकंबेंसी) नहीं है। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2018 में सत्ता में आई गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के चार साल शनिवार को पूरा किए। गहलोत ने इस उपलक्ष में यहां जवाहर कला केंद्र में आयोजित राज्य स्तरीय विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा,‘‘हमारे चार साल पूरे हो रहे हैं, हमने कोई कमी नहीं रखी, एक से बढ़कर एक काम किए हैं। हमारी योजनाओं की पूरे देश में चर्चा है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हर परिवार का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि आज चार साल के बाद जनता में सरकार के खिलाफ माहौल नहीं है, यह पहला मौका है राजस्थान में कि चार साल के कार्यकाल के बाद भी कोई सरकार विरोधी माहौल नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने संवेदनशील, पारदर्शी व जवाबदेह प्रशासन देने के लक्ष्य से काम किया। गहलोत ने कहा कि हमने चुनावी घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज बनाकर वादों को पूरा किया और जनता की भावनाओं के अनुरूप जन घोषणा पत्र बनाया, जिसको आधार बनाकर नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन का कार्य किया जा रहा है। अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लिए लगभग एक करोड़ लोगों को पेंशन दी जा रही है। इंदिरा रसोई योजना में आमजन को पौष्टिक भोजन आठ रुपये में सम्मान के साथ परोसा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए 800 करोड़ रुपये की ‘उड़ान योजना‘ के माध्यम से निशुल्क सैनेटरी नेपकिन का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं से आज 46 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों का बिजली बिल शून्य आ रहा है, जबकि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को राहत दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्रत्येक योजना के केन्द्र में गरीब एवं वंचित लोग हैं। उन्होंने कहा कि आमजन को महंगे उपचार से मुक्ति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की है। इसमें 10 लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार मिल रहा है। सरकार के ऐतिहासिक निर्णयों से राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में मानवीय दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू किया। उन्होंने कहा कि हमारा वित्तीय प्रबंधन बेहतरीन रहा है, जिससे राज्य में सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी ओपीएस लागू करे ताकि कार्मिकों में अपने भविष्य के प्रति सुरक्षा की भावना आए। उन्होंने कहा कि हमारी सोच सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की है, लेकिन केन्द्र सरकार को पूरे देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा नीति लागू करनी चाहिए ताकि वृद्धजनों, दिव्यांगों और विधवाओं को जीवन यापन में आसानी हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 13 जिलों में आमजन और किसानों के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना से राजस्थान के एक बड़े क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई जल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करनी चाहिए, क्योंकि अनावश्यक देरी से परियोजना की लागत बढ़ेगी व लोग इसके लाभ से वंचित होंगे।

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बीजेपी ने कहा कि एमवीए नेताओं को अंबेडकर और हिंदू देवी-देवताओं का ‘अपमान’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए
National बीजेपी ने कहा कि एमवीए नेताओं को अंबेडकर और हिंदू देवी-देवताओं का ‘अपमान’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए

बीजेपी ने कहा कि एमवीए नेताओं को अंबेडकर और हिंदू देवी-देवताओं का ‘अपमान’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुंबई के सभी छह लोकसभा क्षेत्रों में शनिवार को विरोध प्रदर्शन आयोजित कर हिंदू देवताओं के “अपमान” और बी.

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भोपाल के कलाकारों ने कबाड़ से बना दी रुद्र वीणा की कृति
National भोपाल के कलाकारों ने कबाड़ से बना दी रुद्र वीणा की कृति

भोपाल के कलाकारों ने कबाड़ से बना दी रुद्र वीणा की कृति मध्य प्रदेश के भोपाल के कलाकारों के एक समूह ने वाहनों की कबाड़ सामग्री से पांच टन वजन की 28 फुट लंबी और 10 फुट चौड़ी ‘‘रुद्र वीणा’’ की कृति बनाई है। भोपाल नगर निगम, स्वच्छ भारत मिशन के तहत कलाकारों के इस समूह को वित्तीय तौर पर प्रायोजित करता है। रिलेशनशिप-वन, इन कारपोरेशन (आर-वन, आईएनसी) समूह के मुख्य डिजाइनर पवन देशपांडे ने शनिवार को ‘पीटीआई्-भाषा’ को बताया कि इस रुद्र वीणा को भोपाल स्मार्ट सिटी परियोजना के हिस्से अटल पथ पर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस रुद्र वीणा को कबाड़ और बेकार सामग्री से बनाने में 12 लाख रुपये से अधिक का खर्च आया, लेकिन भोपाल नगर निगम ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत वित्तीय मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि इसे बनाने वाले समूह में 12 व्यक्ति शामिल हैं जो कि कला के विभिन्न रुपों में पारंगत हैं। देशपांडे के मुताबिक समूह ने सबसे पहले 2016 में एक रेडियो की कृति बनाई थी जिसे यहां के व्यस्त चौराहे रोशनपुरा पर लगाया गया है। जबकि अन्य कृतियों में गिटार, कोरोना वायरस की थीम और भोपाल नगर निगम का लोगो भी शामिल है। देशपांडे ने कहा कि भोपाल के मानव संग्रहालय और उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में भी समूह ने काम किया है, लेकिन वहां ताजी सामग्री से काम किया गया है। उन्होंने कहा कि समूह द्वारा भोपाल स्थित राज्य सचिवालय भवन की एनेक्सी में बाघ प्रिंट के पैनल और महान गायक किशोर कुमार व बांधवगढ़ के जंगल के भित्ति चित्र भी बनाए गए हैं।

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आईपीओ से पहले केफिन टेक ने एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए
Business आईपीओ से पहले केफिन टेक ने एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए

आईपीओ से पहले केफिन टेक ने एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए वित्तीय सेवा मंच केफिन टेक्नोलॉजीज ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बीएसई की वेबसाइट पर शुक्रवार को जारी किए गए एक परिपत्र के अनुसार कंपनी ने 44 निवेश संस्थानों को 366 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 1.

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वीके सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग के लिए पेशेवर सुरक्षा जोखिम में अवसर हैं
Business वीके सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग के लिए पेशेवर सुरक्षा जोखिम में अवसर हैं

वीके सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग के लिए पेशेवर सुरक्षा जोखिम में अवसर हैं केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा मुहैया कराने वाले प्रशिक्षित पेशेवरों की देश में बेहद कमी है जिसे पूरा करने में निजी सुरक्षा क्षेत्र अहम भूमिका निभा सकता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और नागर विमानन राज्य मंत्री सिंह ने केंद्रीय निजी सुरक्षा उद्योग संघ (सीएपीएसआई) के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि देश में प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की कमी है और निजी सुरक्षा उद्योग को इन कमियों को दूर करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। एक बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि कई सरकारी प्रतिष्ठानों और हवाईअड्डों एवं रेलवे स्टेशनों जैसी जगहों को सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा क्षेत्र को इन जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षित और सुसज्जित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय निजी सुरक्षा उद्योग के सामने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की जरूरतों को पूरा करने का एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा उद्योग को अपने पेशेवर मानक तय करने और उन मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने की जरूरत है। ऐसा करने पर उन्हें देश के अलावा विदेशों में भी सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराने का मौका मिल सकता है।

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असम के चाय बागान में  अचानक  तालाबंदी; 500 कर्मचारी आंदोलनरत
Business असम के चाय बागान में अचानक तालाबंदी; 500 कर्मचारी आंदोलनरत

असम के चाय बागान में अचानक तालाबंदी; 500 कर्मचारी आंदोलनरत असम के हाइलाकांडी जिले में एक चाय बागान के लगभग 500 मजदूरों ने परिचालन ‘अचानक’ रोके जाने की घोषणा के बाद विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हाइलाकांडी शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गगलाचेरा चाय बागान के कर्मचारी बृहस्पतिवार से ही बागान अधिकारियों के फैसले का विरोध कर रहे हैं। अधिकारियों ने एक दिन पहले बागान का परिचालन बंद करने की घोषणा कर दी थी। विवाद को खत्म करने के लिए स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ एक चाय संघ ने पहल की है। मजिस्ट्रेट झिंटू बोरा और श्रम अधिकारी पीके मालाकार सहित अधिकारियों की एक टीम ने शुक्रवार को बागान का दौरा किया और जिला उपायुक्त के समक्ष यह मामला उठाने का आश्वासन दिया। इस बारे में टिप्पणी के लिए उद्यान अधिकारियों से संपर्क नहीं किया जा सका। वहीं, स्थानीय पंचायत के प्रमुख राधेश्याम कुर्मी ने आरोप लगाया कि चाय बागान के अधिकारियों ने बुधवार रात चुपके से तालाबंदी का नोटिस लगा दिया और परिसर से चले गए। उन्होंने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार को कामगारों को भुगतान किया जाना था लेकिन अधिकारियों के इस तरह भागने से लोग भड़क गए हैं।’’ भारतीय चाय संघ की बराक घाटी क्षेत्र के महासचिव सरदिन्दु भट्टाचार्य ने जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिए जाने की उम्मीद जताई।

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सरकार ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है
Business सरकार ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है

सरकार ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है केंद्र ने शनिवार को कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है। इसके साथ ही सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की नियमित निगरानी भी कर रही है। एक सरकारी बयान के मुताबिक, ‘‘भारत सरकार के पास खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अपनी अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लिए अतिरिक्त आवंटन की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार मौजूद है।’’ इस बयान के मुताबिक, एक जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन गेहूं और 104 लाख टन चावल उपलब्ध रहेगा जो बफर मानकों से कहीं ज्यादा है। बफर मानकों के तहत एक जनवरी को 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल रखने की ही जरूरत थी। केंद्रीय खाद्यान्न पूल में 15 दिसंबर तक करीब 180 लाख टन गेहूं और 111 लाख टन चावल उपलब्ध था। एक अप्रैल, एक जुलाई, एक अक्टूबर और एक जनवरी को वर्ष की विशेष तिथियों के लिए बफर मानदंडों की आवश्यकता की परिकल्पना की गई है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय पूल के तहत गेहूं और चावल के भंडार की स्थिति हमेशा बफर मानदंडों से काफी ऊपर रही है। केंद्रीय पूल में एक अक्टूबर, 2022 को लगभग 227 लाख टन गेहूं और 205 लाख टन चावल उपलब्ध थे, जबकि एक अक्टूबर को 205 लाख टन गेहूं और 103 लाख टन चावल ही बफर मानदंड के तहत होने की आवश्यकता थी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमतों पर किसानों द्वारा खुले बाजार में गेंहूं की बिक्री करने के अलावा कम उत्पादन होने से भी पिछले सत्र में गेहूं की खरीद कम हुई थी। इसके बावजूद गेहूं की अगली फसल आने तक देश की जरूरत को पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध होगा।’’ इसके अलावा, केंद्रीय पूल में पर्याप्त गेहूं का स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए एनएफएसए के साथ पीएमजीकेएवाई के तहत किए गए आवंटन को भी चावल के पक्ष में संशोधित किया गया है। पीएमजीकेएवाई के तहत केंद्र सरकार एनएफएसए के दायरे में आने वाले लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त देती है। केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं की फसल का एमएसपी बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है जो पिछले साल रबी विपणन सत्र में 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था। गेहूं की खरीद अप्रैल से शुरू होगी और प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं की बुवाई में काफी वृद्धि हुई है।

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तेल-तिलहनों के भाव में मिला-जुला रुख रहा कायम
Business तेल-तिलहनों के भाव में मिला-जुला रुख रहा कायम

तेल-तिलहनों के भाव में मिला-जुला रुख रहा कायम दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को लगभग सभी तेल तिलहनों के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए। आयातित तेलों के भाव ऊंचा बोले जाने और इस भाव पर लिवाल नहीं होने से लगभग सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत बने रहे। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि तेल संगठनों की यह मांग एकदम जायज है कि कच्चा पामतेल और पामोलीन तेल के आयात शुल्क का फासला बढ़ा दिया जाए क्योंकि इससे घरेलू तेल रिफायनिंग उद्योग का कामकाज चलेगा। हालांकि इन संगठनों को सस्ते आयातित तेलों की भरमार के कारण देश के छोटे-बड़े सभी किस्म के तेल उद्योगों की बदहाली के बारे में भी सरकार को बताना चाहिये। सूत्रों ने कहा कि कोटा प्रणाली की व्यवस्था से इन तेल उद्योगों की कमर टूट रही है और उन्हें कोटा व्यवस्था को समाप्त करने के बारे में सरकार को सलाह देनी चाहिये। विदेशी खाद्यतेलों के दाम में आधी गिरावट आने के बाद कोटा प्रणाली अपनी प्रासंगिकता खो बैठी है। इस बात को भी सामने लाने में इन तेल संगठनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। खाद्यतेल तिलहनों के वायदा कारोबार पर रोक की 20 दिसंबर तक की समयसीमा को देखते हुए तेल उद्योग के कुछ संगठन तेल तिलहनों के वायदा कारोबार खोलने की पैरवी करने में जुट गये हैं। लेकिन कारोबारी सूत्रों ने कहा कि दो साल पहले अक्टूबर-नवंबर में जब किसानों की खरीफ की सोयाबीन फसल आई तो वायदा कारोबार में भाव नीचे चले गए और किसानों से 4,200-4,500 रुपये क्विंटल के भाव पर सोयाबीन दाना की खरीद की गई। हालांकि यह भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक था लेकिन तीन-चार महीनों में ही सोयाबीन दाने का वायदा कारोबार में भाव बढ़ाकर लगभग 10,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। ऐसी स्थिति में किसानों को बीज काफी ऊंचे दाम पर मुश्किल से उपलब्ध हो पाया। सूत्रों के मुताबिक, तेल तिलहन कारोबार को सट्टेबाजी से मुक्त रखना अहम है और इस क्रम में तेल तिलहनों के वायदा कारोबार पर रोक जारी रखना जरूरी है। सूत्रों ने कहा कि संभव होने पर बिनौला खल के वायदा कारोबार को रोक देना चाहिये क्योंकि सट्टेबाज किसानों से कम भाव में खरीद कर बाद में भाव ऊंचा कर देते हैं और किसानों की लूट होती है। इससे दूध के दाम पिछले कुछ महीनों में निरंतर बढ़े हैं और आगे भी दूध के दाम में वृद्धि होने की सुगबुगाहट है। वायदा कारोबार में बिनौला खल के भाव तीन-चार माह में 26 प्रतिशत बढ़ गये हैं जिससे दूध लगभग 10 प्रतिशत महंगा हो गया है। सूत्रों ने कहा कि इस स्थिति में पहली बार डी-आयल्ड केक (डीओसी) का आयात करना पड़ा जिसका खमियाजा मौजूदा वक्त में भी भुगतना पड़ रहा है। सोयाबीन का स्टॉक जमा हो गया है और उसकी बाजार में खपत भी नहीं हो पा रही। सूत्रों के मुताबिक, जिस वस्तु का निर्यात कर देश के किसान पैसे कमाते थे, आज वही आयातित सोयाबीन डीओसी उनके गले की फांस बन गया है। शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 7,010-7,060 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,435-6,495 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,100 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,430-2,695 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 13,950 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,120-2,250 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,180-2,305 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,500 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,500 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,525-5,625 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,335-5,385 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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वाहन उद्योग निकाय ने एसयूवी की परिभाषा पर जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण की सराहना की
Business वाहन उद्योग निकाय ने एसयूवी की परिभाषा पर जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण की सराहना की

वाहन उद्योग निकाय ने एसयूवी की परिभाषा पर जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण की सराहना की वाहन उद्योग निकाय सियाम ने स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की परिपर शनिवार को आए जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि यह वित्त मंत्रालय के साथ इस बारे में हुई चर्चा के अनुरूप ही है। जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 22 प्रतिशत की क्षतिपूर्ति उपकर की उच्च दर एसयूवी श्रेणी में आने वाले वाहनों पर ही लागू होती है। एसयूवी के तहत उन वाहनों को वर्गीकृत किया गया है जो सभी चार शर्तें पूरी करते हैं। इनमें इंजन की क्षमता 1,500cc से अधिक होना, लंबाई 4,000 मिलीमीटर से अधिक होना और 170 मिलीमीटर से अधिक का ग्राउंड क्लियरेंस शामिल है। जीएसटी परिषद के इस फैसले पर भारतीय वाहन विनिर्माता संगठन सियाम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 22 प्रतिशत मुआवजा उपकर की उच्च दर केवल उन्हीं वाहनों पर लागू होगी जो चारों शर्तों को पूरा करते हैं। सियाम ने अपने बयान में एसयूवी की परिपर स्पष्टीकरण जारी करने के लिए वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और जीएसटी परिषद का आभार भी जताया। उसने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला वित्त मंत्रालय के साथ हुई चर्चा के अनुरूप ही है।

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सीबीआईसी प्रमुख ने कहा, ऑनलाइन गेम पर 28% जीएसटी
Business सीबीआईसी प्रमुख ने कहा, ऑनलाइन गेम पर 28% जीएसटी

सीबीआईसी प्रमुख ने कहा, ऑनलाइन गेम पर 28% जीएसटी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख विवेक जौहरी ने शनिवार को कहा कि एक निश्चित परिणाम पर जीत के निर्भर होने से ऑनलाइन गेम में दांव की समूची राशि पर ही 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। हालांकि ऑनलाइन गेम पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा नहीं हो पाई है। लेकिन जौहरी ने कहा कि किसी ऑनलाइन गेम में खिलाड़ी की तरफ से दांव पर लगाई गई रकम पर ही 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने की राय विभाग की है। उनकी यह टिप्पणी इस लिहाज से मायने रखती है कि ऑनलाइन गेमिंग की बड़ी कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (जीटीपीएल) की कर चोरी का मामला अब भी अदालत में विचाराधीन है।

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गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के फैसले पर कायम रहेगी
National गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के फैसले पर कायम रहेगी

गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के फैसले पर कायम रहेगी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की आलोचना को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि ओपीएस के रहते हुए भी देश में विकास हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ओपीएस बहाल करने के अपने फैसले पर कायम रहेगी। गहलोत अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर यहां अपने सरकारी निवास पर संवाददाता से बात कर रहे थे। राज्य में ओपीएस बहाल किए जाने के बाद उठे विवाद को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओपीएस को मानवीय दृष्टिकोण से बहाल किया गया, जबकि किसी ने इसकी मांग नहीं की थी। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘अभी देश में ओपीएस बहाल करने को लेकर बहस चल रही है। नीति आयोग सहित अनेक अर्थशास्त्रियों ने इसका विरोध किया है। उनका विरोध एक अर्थशास्त्री के दृष्टिकोण से हो रहा होगा .

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फडणवीस ने कहा कि एमवीए मोर्चा का उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना है
National फडणवीस ने कहा कि एमवीए मोर्चा का उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना है

फडणवीस ने कहा कि एमवीए मोर्चा का उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना है महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को मुंबई में विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के विरोध मार्च को लेकर तंज करते हुए इसे राजनीतिक लाभ उठाने के लिए एक ‘‘नैनो’’ मोर्चा बताया। महाराष्ट्र में एमवीए के घटक दलों ने शक्ति प्रदर्शन के तहत राज्य में एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ शनिवार को यहां हल्ला बोल विरोध मार्च निकाला और छत्रपति शिवाजी महाराज समेत प्रतिष्ठित हस्तियों के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की मांग की। फडणवीस ने कहा कि वह बार-बार कहते रहे हैं कि किसी को भी राष्ट्रीय हस्तियों के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए और जो लोग ऐसा करते हैं वे गलत हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘अपना रुख स्पष्ट करने के बावजूद, राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए एक मोर्चा का आयोजन किया गया। जब आपके पास मुद्दे खत्म हो जाते हैं, तो ऐसे मोर्चे आयोजित किए जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज और बी आर आंबेडकर हमारे आदर्श हैं।’’

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भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, राहुल चीन के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं
National भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, राहुल चीन के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, राहुल चीन के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय जवानों की कथित पिटाई संबंधी टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर शनिवार को हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चीन के प्रवक्ता की तरह बयान दे रहे हैं। तिवारी ने इंदौर में संस्कृति और साहित्य महोत्सव ‘लिट चौक’ में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, गांधी ने आपत्तिजनक बयान देकर ऐसे वक्त भारतीय सेना के मनोबल को बहुत बड़ी चोट पहुंचाई है, जब वह सीमाओं पर शौर्य का प्रदर्शन कर रही है। गांधी का बयान ऐसा लगता है, जैसे यह किसी चीनी प्रवक्ता का बयान हो। उन्होंने कहा कि गांधी ने इस बयान के जरिये न केवल अपना व्यक्तिगत नुकसान किया है, बल्कि नेहरू-गांधी परिवार के अपने पुरखों के किए-धरे पर भी पानी फेर दिया है। देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की वकालत करने वाले तिवारी को तीसरी संतान का पिता बनने को लेकर सोशल मीडिया पर हाल ही में खिंचाई का सामना करना पड़ा था। उन्होंने इस बारे में पूछे जाने पर कहा,‘‘मेरा मामला कुछ अलग है। मेरा पहली पत्नी से तलाक हो चुका है और मेरी दूसरी पत्नी ने दूसरी संतान को जन्म दिया है। एक महिला को दो बच्चों की मां बनने का अधिकार तो होना ही चाहिए।’’ तिवारी ने कहा,‘‘हम जनसंख्या नियंत्रण के सिस्टम को मानते हैं, लेकिन ईश्वर ने हमें इतना सक्षम बनाया है कि हम अपने बच्चों की अच्छी परवरिश कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि हम बड़ा होने पर अपने बच्चे को पंचर बनाने के लिए भेज देंगे।’’ भाजपा सांसद ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत का विषय किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा,‘‘अगर मनोज तिवारी के घर पांच बच्चे हो जाएं, तो मनोज तिवारी का भी विरोध होना चाहिए।’’ हाल ही में संपन्न दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल करके निकाय में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया है। दिल्ली की भाजपा इकाई के अध्यक्ष रहे तिवारी ने कहा कि पार्टी इन चुनावों में अपनी हार की समीक्षा कर रही है। उन्होंने आगे कहा,‘‘.

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हाई कोर्ट ने कहा कि गुजराती भाषा पर गुजरात सरकार की नीति को स्कूलों को लागू करना चाहिए
National हाई कोर्ट ने कहा कि गुजराती भाषा पर गुजरात सरकार की नीति को स्कूलों को लागू करना चाहिए

हाई कोर्ट ने कहा कि गुजराती भाषा पर गुजरात सरकार की नीति को स्कूलों को लागू करना चाहिए गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि सीबीएसई और आईसीएसई जैसे अन्य बोर्ड से संबद्ध राज्य के स्कूल पहली से आठवीं कक्षा में गुजराती को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने की गुजरात सरकार की नीति को लागू करने से इनकार नहीं कर सकते। गुजरात सरकार द्वारा अप्रैल 2018 में पेश की गई नीति के कार्यान्वयन के संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी ने कहा कि अगर सरकार स्कूलों को बाध्य करने में ‘‘असहाय’’ महसूस करती है, तो अदालत आवश्यक निर्देश जारी करेगी। ‘‘मातृअभियान’’ नामक एनजीओ ने इस साल अक्टूबर में जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय से गुजराती पर राज्य सरकार की नीति को स्कूलों में अक्षरश: लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता अर्चित जानी ने न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति मोना भट्ट की पीठ को सूचित किया कि एक आरटीआई आवेदन के अनुसार, 15 स्कूलों ने बताया है कि गुजराती उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है। अर्चित ने कहा, ‘‘वे (स्कूल) गुजराती नहीं पढ़ा रहे हैं। और (सरकार की नीति का पालन नहीं करने के लिए) कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनके (सरकार के) हलफनामे में यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार ऐसे स्कूलों के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी।’’ जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि वह नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों का पता लगाने के लिए सभी जिलों से आंकड़े जुटा रही है। न्यायमूर्ति गोकानी ने कहा, ‘‘आप असहाय महसूस नहीं करें क्योंकि आप राज्य हैं और यह आपकी नीति है। आपको (सरकार) उन्हें (स्कूलों को) यह स्पष्ट करना होगा कि उन्हें इस नीति को लागू करना है। अन्यथा, इसके क्या परिणाम होंगे, यह आपको तय करना है। बोर्ड का अपना पाठ्यक्रम हो सकता है, लेकिन वे इस नीति को ना नहीं कह सकते। अगर उन्हें गुजरात में काम करना है, तो उन्हें नीति को लागू करना होगा।

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