राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार नफरत का बाजार बनाने में लगी है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को मिले समर्थन के लिए बृहस्पतिवार को लोगों का आभार जताया और राज्य की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह प्रदेश में नफरत का बाजार बनाने में लगी है तथा विभिन्न वर्गों के बीच विभाजन पैदा कर रही है। उन्होंने हरियाणा में यात्रा पूरी होने के बाद जारी एक संदेश में यह भी कहा कि इस यात्रा से प्रदेश में लोगों के बीच जागरुकता आई। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आज दोपहर भारत जोड़ो यात्रा ने हरियाणा में अपनी 8 दिनों की यात्रा पूरी की। इस दौरान हरियाणा के लोगों ने हर कदम पर हमारा साथ, सहयोग और समर्थन दिया।’’ उनका कहना है, ‘‘हरियाणा के लोगों को एक अच्छा जीवन जीने के लिए आवश्यक हर चीज़ का आशीर्वाद प्राप्त है, लेकिन उनकी क्षमता बर्बाद की जा रही है। तीन काले कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ हरियाणा के किसानों ने ऐतिहासिक आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन में कई किसान शहीद भी हुए। फिर भी कृषि संकट ख़त्म नहीं हुआ है।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ दूध, दही और गुड़ की इस भूमि में यह एक त्रासदी है कि किसानों के बच्चे अब किसान नहीं बनना चाहते हैं। बेहतर भविष्य का सपना देखने वाले युवाओं के लिए कोई अन्य विकल्प भी नहीं है।’’ उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में सबसे अधिक युवा बेरोज़गारी दर है और हताश युवा नौकरियों के लिए विदेशों की ओर रुख़ करते हैं। हरियाणवी युवाओं ने लंबे समय तक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, लेकिन अब सरकार से समर्थन न मिलने और एकेडमीज़ के बंद होने से उनके लिए यह रास्ता भी बंद हो रहा है। राहुल गांधी के मुताबिक, ‘‘हरियाणा के लोगों ने हमें बताया कि सरकार सुनियोजित ढंग से हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों के बीच; किसानों और गैर-किसानों के बीच; तथा विभिन्न जातियों के लोगों के बीच विभाजन पैदा कर रही है। पिछले दशकों की सरकारों ने विकास के बीज बोए थे, जो अब फल दे रहे हैं। दुःख की बात है कि आज की सरकार नफ़रत का बाज़ार बनाने में लगी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शुक्र है कि यात्रा के माध्यम से थोड़ी देरी से ही सही, लेकिन जागृति आई है। पूर्व सैनिकों और मेडिकल छात्रों के यात्रा में शामिल होने के तुरंत बाद, केंद्र सरकार ने बकाया पेंशन जारी की और राज्य सरकार ने बॉन्ड पर रियायतें दीं।
read more