
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- जनजातियों का गौरव भारत का गौरव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को जनजातियों के गौरव को भारत का गौरव बताया और इस बात पर जोर दिया कि देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए लोगों को जनजातियों को समझना चाहिए और उनके साथ खड़ा होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने जनजातियों से उन लोगों के खिलाफ ताकतवर रहने का आह्वान किया जो उनके भोलेपन का फायदा उठाकर उन्हें ठगने की कोशिश करते हैं। वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से यहां के रंजीता स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए। इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख ने भाजपा के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की एक प्रतिमा का अनावरण किया। जूदेव ने जशपुर क्षेत्र में जनजातियों को ईसाई धर्म से वापस लाने के लिए घर वापसी अभियान चलाया था। वर्ष 2013 में दिलीप सिंह जूदेव का निधन हुआ था। भागवत ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन (15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है) और दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण जुड़ा हुआ है या संयोग से ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि जूदेव बहादुर और निडर थे और वे नाम, यश, संपत्ति और शक्ति होते हुए भी विनम्र बने रहे, वह हमेशा जनजातियों के गौरव के लिए खड़े रहे। उन्होंने कहा कि जूदेव के मन में देश, धर्म, संस्कृति और देशवासियों के प्रति बहुत प्रेम था। उन्होंने कहा कि ‘भगवान बिरसा मुंडा’ को भी इसी प्रेम ने हम सब लोगों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘जनजातीय गौरव क्या है?
read more