अर्थव्यवस्था में सुधार के चलते फलने फूलने लग गये हैं भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर कई विकसित देशों में मुद्रास्फीति में हो रही लगातार वृद्धि एवं इन देशों द्वारा ब्याज दरों में लगातार की जा रही वृद्धि के कारण इन देशों में आने वाली सम्भावित मंदी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने 26वां वित्तीय स्थिरता प्रतिवेदन 29 दिसम्बर 2022 को जारी किया। इस प्रतिवेदन में भारतीय बैंकों की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ बताई गई है। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए कई आर्थिक निर्णयों के चलते देश में न केवल आर्थिक गतिविधियों में तेजी से सुधार होता दिख रहा है बल्कि वित्तीय स्थिरिता की स्थिति में भी लगातार सुधार दृष्टिगोचर है। दरअसल, बैंकिंग उद्योग किसी भी देश में अर्थ जगत की रीढ़ माना जाता है। बैंकिंग उद्योग में आ रही परेशानियों का निदान यदि समय पर नहीं किया जाता है तो आगे चलकर यह समस्या उस देश के अन्य उद्योगों को प्रभावित कर, उस देश के आर्थिक विकास की गति को कम कर सकती है। इसलिए पिछले 8 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार ने बैंकों की लगभग हर तरह की समस्याओं के समाधान हेतु कई ईमानदार प्रयास किए हैं। गैरनिष्पादनकारी आस्तियों से निपटने के लिए दिवाला एवं दिवालियापन संहिता लागू की गई है। देश में सही ब्याज दरों को लागू करने के उद्देश्य से मौद्रिक नीति समिति बनायी गई है। साथ ही, केंद्र सरकार ने इंद्रधनुष योजना को लागू करते हुए, सरकारी क्षेत्र के बैंकों को 3.
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